अहमदाबाद विमान दुर्घटना पर अमेरिकी मीडिया द्वारा की गई रिपोर्टिंग पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि Air Accidents Investigation Bureau (AAIB) द्वारा की जा रही जांच पर पूर्ण विश्वास होना चाहिए, न कि किसी भी बाहरी मीडिया नैरेटिव पर। रॉयटर्स और वॉल स्ट्रीट जर्नल जैसी संस्थाओं ने अपनी रिपोर्ट्स में संकेत दिए थे कि दुर्घटना का कारण पायलट एरर हो सकता है। इस पर मंत्री नायडू ने कहा- “AAIB एक स्वतंत्र और तकनीकी रूप से सक्षम एजेंसी है। जांच रिपोर्ट आने से पहले किसी निष्कर्ष पर पहुंचना गैर जिम्मेदाराना है।
ब्लैक बॉक्स डिकोडिंग का काम सफलतापूर्वक हुआ
मंत्री नायडू ने बताया कि इस दुर्घटना से जुड़े ब्लैक बॉक्स डेटा को पहली बार भारत में ही डिकोड किया गया है। यह कदम भारतीय विमानन जांच प्रणाली की तकनीकी आत्मनिर्भरता की ओर एक बड़ा संकेत है। पहले ब्लैक बॉक्स डेटा डिकोडिंग के लिए विदेश भेजना पड़ता था। अब हमारे देश के विशेषज्ञों ने इसे सफलतापूर्वक यहीं पूरा किया है, यह एक बड़ी उपलब्धि है। इससे भारत की विश्लेषणात्मक क्षमता, डेटा सुरक्षा और जांच की पारदर्शिता को बल मिला है।
मीडिया रिपोर्टिंग में निहित स्वार्थ होने का आरोप
राम मोहन नायडू ने अमेरिकी मीडिया संस्थानों पर “निहित स्वार्थ” होने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि इस तरह की रिपोर्ट्स भ्रम फैलाने और भारत की प्रतिष्ठा को आघात पहुंचाने का काम करती हैं। ऐसी रिपोर्ट्स जिनमें किसी एजेंडे के तहत जानकारी दी गई हो, वे जांच की निष्पक्षता को बाधित करती हैं। जनता को AAIB की प्रक्रिया पर भरोसा करना चाहिए। AAIB ने हादसे को लेकर एक प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें दुर्घटना के तकनीकी पहलुओं, विमान की स्थिति, और एटीसी रिकॉर्डिंग आदि की समीक्षा की गई है। मंत्री नायडू ने कहा- अभी फाइनल रिपोर्ट आनी बाकी है। बिना उसकी प्रतीक्षा किए पायलटों या किसी अन्य पक्ष को दोष देना जल्दबाजी होगी। जब तक रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं होती, तब तक अटकलबाजी नहीं होनी चाहिए।
क्या है अहमदाबाद विमान हादसा?
12 जून 2025 को एअर इंडिया की एक फ्लाइट अहमदाबाद हवाई अड्डे पर टेकऑफ के बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। जिसमें 270 लोगों की मौत हो गई। जिसमें दोनों पायलटों समेत कई क्रू मेंबर की भी मौत हो गई थी। विमान के फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) को तुरंत सुरक्षित कर लिया गया था। इसके आधार पर AAIB ने जांच शुरू की थी। विमान दुर्घटनाओं की जांच में तकनीकी डेटा, मौसम, मानव व्यवहार, और एयर ट्रैफिक कंट्रोल संवाद जैसे कई पहलुओं का विश्लेषण किया जाता है। इस प्रक्रिया में कई सप्ताह या महीने लग सकते हैं। मंत्री नायडू ने कहा- यह कोई ट्विटर पोल नहीं है कि तुरंत निष्कर्ष निकाल लिया जाए। जांच में वैज्ञानिक तरीके से कई चीज़ों को क्रॉस-वेरिफाई करना होता है।
अहमदाबाद विमान हादसे पर भारत सरकार ने अमेरिका और पश्चिमी मीडिया की जल्दबाज़ी और पूर्वाग्रहपूर्ण रिपोर्टिंग को गंभीरता से लिया है। मंत्री राम मोहन नायडू ने स्पष्ट कर दिया है कि जांच की प्रक्रिया AAIB के ज़रिए पारदर्शी ढंग से जारी है, और अंतिम निष्कर्ष आने तक किसी को दोषी ठहराना अनुचित होगा। यह मामला न केवल भारत की विमानन जांच प्रणाली की विश्वसनीयता को दर्शाता है, बल्कि देश की तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मील का पत्थर भी है।