8th pay Commission : देश में नए वेतन आयोग के गठन की चर्चा तेज हो गई है। दरअसल मोदी सरकार द्वारा 8वें वेतन आयोग के गठन करने के साथ ही इसे लागू करने को लेकर कई कदम उठाए गए हैं। मोदी सरकार द्वारा इस वर्ष 8वें वेतन आयोग के गठन का ऐलान किया गया है। इसके लिए समिति का गठन किया जाएगा और माना जा रहा है कि 2026 में नए वेतन आयोग को लागू किया जा सकता है।
फिलहाल इस पर किसी भी तरह के आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है और वही अभी कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के तहत वेतन और महंगाई भत्ते का लाभ दिया जा रहा है। इसी आधार पर कर्मचारियों को पेंशन की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है।

सातवें वेतन आयोग में वेतन में 14.27% की वृद्धि
बता दे की सातवें वेतन आयोग में वेतन में 14.27% की वृद्धि हुई थी। अनुमान जताया जा रहा है कि 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर को 2.86 तक घोषित किया जा सकता है या फिर फिटमेंट फैक्टर इससे कम रहने की उम्मीद है। हालांकि फिटमेंट फैक्टर को दो प्रतिशत तक बढ़ने से वेतन में 30 से 40% की वृद्धि निश्चित ही मानी जा रही है।
न्यूनतम मूल वेतन 18000 रुपए से बढ़कर 51000 रुपए
अनुमान लगाया जा रहा है कि नए वेतन आयोग में न्यूनतम मूल वेतन 18000 रुपए से बढ़कर 51000 रुपए तक हो सकते हैं। अगर फिटमेंट फैक्टर 1.92 होता है तो वेतन में 95% तक की वृद्धि निश्चित ही मानी जा रही है। जिसके साथ ही मूल वेतन बढ़कर 34560 तक होने की संभावना है। अब सवाल यह है कि 8वें वेतन आयोग में महंगाई भत्ता कितना होगा? क्या महंगाई भत्ते को शून्य किया जाएगा या फिर इसे वेतन में ही मर्ज कर दिया जाएगा?
राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद द्वारा पूछे गए सवाल की क्या केंद्र सरकार 8वें वेतन आयोग की रिपोर्ट आने से पहले केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी- पेंशन को मर्ज करने पर फैसला लेगी?का राज्यसभा के वित्त मंत्री पंकज चौधरी ने लिखित जवाब दिया है। उन्होंने साफ कहा है की आठवीं वेतन आयोग से पहले महंगाई भत्ते- बेसिक सैलरी और पेंशन में मर्ज करने की कोई योजना नहीं है।
एआईसीपीआई आंकड़े के आधार पर निर्धारण
महंगाई भत्ता और महंगाई राहत हर 6 महीने में संशोधित किया जाता है। इसके लिए एआईसीपीआई आंकड़े के आधार पर इसका निर्धारण होता है। ऐसे में अनुमान जताया जा रहा है कि नए वेतन आयोग के लागू होने के बाद महंगाई भत्ता सहित अन्य भत्तों में बदलाव हो सकता है।
बता दे कि नए वेतन आयोग के गठन में फिटमेंट फैक्टर का बेसिक सैलरी तय करने में अहम रोल माना जाता है। केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में यदि ढाई गुना से अधिक की बढ़ोतरी होती है तो उनकी पुरानी बेसिक पे पर रिवीजन बदल दिया जाएगा। सातवें वेतन आयोग में 2.57 फिटमेंट फैक्टर के कारण वेतन और पेंशन में वृद्धि की गई थी।
जिसके साथ ही कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 7000 से बढ़कर 18000 रुपए तक पहुंच गई थी। अब हनुमान जाता है जा रहा है की 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.28 से 2.86 के बीच से हो सकता है। यदि ऐसा होता है तो कर्मचारियों के न्यूनतम मूल वेतन 18000 रुपए से बढ़कर 51000 तक हो सकते हैं। जिससे उनके महंगाई भत्ते में भी बड़ी बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी। साथ ही पेंशन राशि में भी वृद्धि निश्चित मानी जा रही है।
कब होगा लागू
फिलहाल 8वें वेतन आयोग को लागू करने के लिए किसी भी तरह की आधिकारिक तिथि का ऐलान नहीं किया गया है। समिति के गठन के बाद समिति इस पर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपने वाली है। रिपोर्ट सौंपने के बाद सरकार इस पर मंथन करेगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई पूरी की जाएगी। ऐसे में माना जा रहा है कि एक से डेढ़ साल का समय लग सकता है।