इंदौर में घोटालों से भरा हुआ है शॉपिंग मॉल्स का इतिहास

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By Akanksha JainPublished On: July 23, 2021
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अर्जुन राठौर

इंदौर में जितने भी शॉपिंग मॉल्स बनाए गए हैं उन सब का इतिहास घोटालों से भरा हुआ है ऐसा लगता है कि बगैर घोटाला किए इंदौर में कोई भी शॉपिंग मॉल बन ही नहीं सकता. सबसे पहले बात शुरू करते हैं ट्रेजर आइलैंड की , एमजी रोड की आवासीय भूमि पर बने इस माल को लेकर काफी विवाद हुए और बाद में इसका भूमि उपयोग बदल दिया गया लेकिन जब इसका निर्माण हुआ तब यह आवासीय भूमि पर ही बन रहा था यहां पर पहले उद्योगपति प्रेम कॉलोनी का निवास हुआ करता था और बाद में इसी जगह पर ट्रेजर आइलैंड बना लिया गया इस माल के निर्माण के साथ ही इसके साथ अनेक विभाग जुड़ते चले गए मसलन हाउसिंग बोर्ड की पहले इसमें पार्टनरशिप थी और उसी आधार पर इसे लोन भी मिला और सभी विभागों से एनओसी मिली लेकिन बाद में हाउसिंग बोर्ड पीछे हट गया कुल मिलाकर यहां पर दी गई अनुमति का मामला लोकायुक्त में पहुंचा और उसमें कई बड़े नेताओं के नाम सामने आए और लंबे समय तक यह मामला अखबारों में भी चर्चा का विषय रहा l

बहरहाल मनीष कालानी जिन्होंने इस मॉल का निर्माण किया था उन्हें भी यह माल नहीं फला और अंततः इसे बेच दिया गया इसके बाद मनीष कॉलोनी ने एबी रोड बाईपास पर भी एक शॉपिंग मॉल का निर्माण शुरू किया लेकिन वह भी अधूरा रह गया और बैंक की वसूली के बाद उद्योगपति मनीष कालानी की हालत लगातार खराब होती गई और एबी रोड बायपास का माल भी आज तक नहीं बन सका ।

 

अब बात करते हैं सेंट्रल मॉल की यह मॉल भी शुरू से ही विवाद में रहा उसकी सबसे बड़ी वजह यह थी कि यहां पर भी मॉल की अनुमति से लेकर इसके निर्माण तक में अनेक अनेक गंभीर अनियमितताएं की गई इसको लेकर भी लोकायुक्त में शिकायत हुई थी और यातायात की दृष्टि से भी इस माल को लेकर अनेक बार विवाद हुए क्योंकि मॉल से आने वाली गाड़ियां सीधी रोड पर आ जाती है सेंट्रल मॉल के बारे में भी कहा जाता है कि यह भी ठीक से चला नहीं और इसे भी किसी बड़े ग्रुप को बेच दिया गया । इसी तरह से मंगल सिटी मॉल की भी अगर बात करें तो मंगल सिटी मॉल की भी हालत खराब बताई जाती है यहां पर अधिकांश दुकानें खाली पड़ी हुई है और बैंक की वसूली के नोटिस भी निकाल निकले थे कुल मिलाकर ऐसा लगता है कि बगैर विवादों के इंदौर में शॉपिंग मॉल का निर्माण होना बहुत कठिन है इन तमाम मॉल से जुड़ी हुई कहानियां बहुत लंबी है लेकिन निष्कर्ष यही निकलता है कि कोई भी मॉल इंदौर में ऐसा नहीं है जिसमें लोकायुक्त की शिकायत नहीं हुई हो और प्रकरण दर्ज नहीं हुआ हो हो ।