मध्य प्रदेश में मौसम ने अचानक करवट ले ली है। बर्फीली उत्तरी हवाओं के चलने से प्रदेशभर में सर्दी का असर तेज़ी से बढ़ने लगा है। एक तरफ जहां दिन में हल्की ठंड महसूस की जा रही है, वहीं रात के तापमान में भी गिरावट दर्ज की जा रही है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, इस समय एक पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र सक्रिय है, लेकिन इनका सीधा प्रभाव मध्य प्रदेश पर सीमित है। इसके बावजूद, हिमालयी क्षेत्रों में हो रही बर्फबारी से चल रही ठंडी हवाएं प्रदेश की जलवायु को प्रभावित कर रही हैं, जिससे तापमान में लगातार दो से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट आ रही है।
सर्द हवाओं ने बदला मौसम का मिजाज
उत्तर भारत के ऊंचे पहाड़ी इलाकों जैसे जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में बीते कुछ दिनों से लगातार बर्फबारी हो रही है। यही बर्फीली हवाएं अब मध्य प्रदेश की ओर रुख कर रही हैं। इन हवाओं के कारण प्रदेश के उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों में सर्दी का असर अधिक महसूस किया जा रहा है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, ग्वालियर, चंबल, नीमच, मंदसौर, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, राजगढ़, आगर-मालवा और शाजापुर में ठंड का असर सबसे ज़्यादा दिखाई दे रहा है। इन जिलों में अगले 24 घंटों में न्यूनतम तापमान में और गिरावट दर्ज होने की संभावना है।
शुष्क रहेगा मौसम, लेकिन तापमान में गिरावट जारी रहेगी
आईएमडी की रिपोर्ट बताती है कि फिलहाल प्रदेश में बारिश की संभावना नहीं है और मौसम अगले 24 घंटों तक शुष्क बना रहेगा। हालांकि, पहाड़ों से आने वाली ठंडी हवाएं लगातार सक्रिय हैं, जो मध्य प्रदेश के कई हिस्सों को ठंडा बना रही हैं। मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में दिन और रात दोनों के तापमान में गिरावट जारी रहेगी। पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवाती हवाओं का यह दौर पूर्वी मध्य प्रदेश में ठंड को और गहरा सकता है।
15 नवंबर के बाद पड़ेगी कड़ाके की ठंड
मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि फिलहाल जो ठंड महसूस की जा रही है, वह आने वाले दिनों में और बढ़ेगी। 15 नवंबर के बाद प्रदेश में “हाड़ कंपाने वाली ठंड” की शुरुआत हो सकती है। जैसे-जैसे उत्तरी हवाएं तेज़ होंगी, वैसे-वैसे प्रदेश के तापमान में और गिरावट आएगी। कई स्थानों पर न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे जा सकता है। खासकर ग्वालियर-चंबल, बुंदेलखंड और मालवा-निमाड़ क्षेत्र में सर्दी का असर ज्यादा महसूस किया जाएगा।
अक्टूबर में सामान्य से ज्यादा बरसा पानी, अब बढ़ेगी ठंडक
इस साल अक्टूबर महीने में मध्य प्रदेश में औसतन 2.8 इंच वर्षा दर्ज की गई, जो सामान्य से करीब 121% अधिक है। अधिक बारिश के कारण नमी बनी रही, लेकिन अब जैसे-जैसे हवा की दिशा बदल रही है, वैसे-वैसे ठंडक तेजी से बढ़ने लगी है। नवंबर के मध्य तक प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में सर्दी का असर पूरी तरह से दिखने लगेगा। सुबह-शाम के समय हल्की धुंध और कोहरे की शुरुआत भी होने की संभावना है।
लोगों को दी जा रही सलाह
मौसम विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि वे सुबह और देर शाम बाहर निकलते समय गर्म कपड़ों का उपयोग करें। जिन लोगों को अस्थमा, गठिया या सर्दी-जुकाम की समस्या रहती है, उन्हें विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। फिलहाल मौसम में जो बदलाव दिख रहा है, वह ठंड के लंबे सीजन की शुरुआत का संकेत है।










