सराफा चौपाटी के लिए गठित समिति द्वारा सराफा व्यापारियों के साथ बैठक का आयोजन, स्थान शिफट करने पर भी हुई चर्चा

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By Shivani RathorePublished On: February 19, 2024

इंदौर दिनांक 19 फरवरी 2024। महापौर श्री पुष्यमित्र भार्गव के निर्देशानुसार सराफा चौपाटी के लिए गठित समिति की बैठक समिति के अध्यक्ष श्री राजेंद्र राठौर, समिति सदस्य श्री निरंजनसिंह चौहान, श्री अश्विन शुक्ला श्रीमती मीता रामबाबु राठौर तथा सराफा सोना-चांदी व्यापारी एसोसिएशन एवं सराफा चौपाटी व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष, सचिव एवं पदाधिकारी की उपस्थिति में महापौर सभाकक्ष में संपन्न हुई। बैठक में सराफा सोना-चांदी व्यापारी एसोसिएशन एवं सराफा चौपाटी व्यापारी एसोसिएशन द्वारा अपने सुझावों तथा समस्याओं से अवगत कराया। विदित हो कि सराफा चौपाटी में 80 दुकानें रजिस्टर्ड है, बाकी की लगभग 200 दुकानें अनाधिकृत रूप से लगती हैं। पहले पारंपारिक खानपान का विकय किया जाता था, परंतु वर्तमान में चायनिज, फास्टफूड का विकय बढ़ गया है।

समिति अध्यक्ष एवं सदस्यों द्वारा चौपाटी का स्थान परिवर्तन करने का सुझाव दिया गया, जिनमें लालबाग, हरसिद्धि, गांधी हॉल, संजय सेतु आदि स्थानों का चयन किया जा सकता है। उक्त स्थानों पर रजिस्टर्ड व्यापारियों का चयन किया जाकर, जगह उपलब्ध कराई जा सकती है। नए स्थान पर पार्किग एवं अन्य सभी सुविधा का ध्यान रखा जाएगा। सराफा चौपाटी स्थानांतरित करने के लिए सराफा व्यापारियों एवं चौपाटी व्यापारियों द्वारा अपनी सहमति दी गई। नए स्थान पर स्थानांतरित करने से वहां पर दिन में भी व्यापार किया जा सकता है।

विदित हो कि चौपाटी की दुकानों में पहले बाहर से बना हुआ खाना लाकर विकय किया जाता था, वर्तमान में सभी दुकानों पर मौके पर ही खाने के पदार्थ बनाए जाते हैं। दुकानें लगाने-बंद करने के दौरान गैस की टंकियां लगाने, निकाली जाती है, जिससे गैस रिसने का खतरा बना रहता है, एक गैस टंकी से 3 मुंह का नोजल लगाकर, अलग-अलग चुल्हे जलाए जाते हैं, जिससे दुर्घटना की संभावना बनती है।

समिति के पदाधिकारियो से चर्चा के दौरान कहा कि चौपाटी गली छोटी / संकरी होने, भीड़ अधिक होने, दुपहिया वाहनों के चलने से दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही आग लगने की स्थिति में फायर ब्रिगेड वाहन पहुंचना संभव नहीं होगा। चौपाटी के लिए आवंतिका गैस कंपनी की लाइन बिछाना संभव नहीं है। सराफा बाजार के पीछे स्थित धानगली में जेवरात गढ़ने वाले कारीगरों के लिए गैस लाईन बिछाई जा सकती हैं। इस संबंध में गैस कंपनी तथा जिलाधीश के मध्य बैठक हो गई है। चौपाटी की दुकानों में खानपान की वस्तुएं तैयार करने से सुबह के समय तैल, गंदगी रोड़, ओटलों पर पड़ी रहती हैं। स्मार्ट सिटी अंतर्गत निर्मित रोड़ की गुणवत्ता अच्छी नहीं होने से रोड पर पानी भरने की समस्या निर्मित होती है।

सराफा चौपाटी का समय रात्रि 9 बजे के बाद का है, परंतु व्यापारियों द्वारा 7 बजे से दुकानें लगाने की तैयारी की जाती है, परंतु सराफा व्यापारियों के दुकानों का समय 9 बजे तक होता है। जिससे क्षेत्र में अनावश्यक भीड़ बढ़ना, पार्किंग जैसी समस्या निर्मित होती है। चौपाटी बंद करने का समय पूर्व में 11.30 बजे का होता था, परंतु बाद भी यह 2 बजे तक किया गया, जिससे क्षेत्र में देर रात तक भीड़ रहती है, जिससे स्थानीय रहवासियों को भी असुविधा होती है।

समिति द्वारा सराफा एसोसिएशन के सदस्यों को चौपाटी की दुकानें लगवाने के संबंध में राय लेने पर एसोसिएशन द्वारा लिखित सहमति देने के जानकारी दी, जिसमें उनके द्वारा चौपाटी की दुकानों के लिए ओटलें उपलब्ध नहीं करने एवं चौपाटी हटाने के लिए लिखित सहमति दी जाएगी। चौपाटी व्यापारी एसोसिएशन के सदस्यों द्वारा बताया कि एसोसिएशन रजिस्टर्ड किया जाकर, 80 दुकानदार रजिस्टर्ड हैं। मोरसली गली तक लगने वाली दुकानें उनके एसोसिएशन की है, शेष दुकानें अवैधानिक है। चौपाटी व्यापारियों द्वारा सुझाव दिया कि उनके द्वारा इलेक्ट्रीक / इंडक्शन गैस, चुल्हे, ऑटोकट सिलेंडर / रेग्युलेटर का उपयोग किया जावेगा, परंतु वास्तविक स्थिति में यह संभव नहीं होगा। चौपाटी व्यापारियों द्वारा बताया कि निर्धारित लाईन के आगे 5 फुट तक दुकानें लगती हैं। इन्हें पीछे किया जाए तो 10 फुट तक सड़क चौड़ी हो सकती है।