धर्मांतरण में विदेशी फंडिंग का खुलासा? छांगुर बाबा के तार ईसाई मिशनरियों से जुड़े!

बाबा छांगुर के तार कथित रूप से विदेशी ईसाई मिशनरियों से जुड़े पाए गए हैं, और धर्मांतरण के लिए फॉरेन फंडिंग का उपयोग किया जा रहा था.

Kumari Sakshi
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उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में छांगुर बाबा के आश्रम से शुरू हुआ मामला अब एक अंतरराष्ट्रीय धर्मांतरण साजिश की ओर इशारा करता नजर आ रहा है. पुलिस और खुफिया एजेंसियों की जांच में ऐसा खुलासा हुआ है जिससे सनसनी फैल गई है — बाबा छांगुर के तार कथित रूप से विदेशी ईसाई मिशनरियों से जुड़े पाए गए हैं, और धर्मांतरण के लिए फॉरेन फंडिंग का उपयोग किया जा रहा था.

कैसे हुआ खुलासा?
स्थानीय लोगों की शिकायत और एक गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने जब छांगुर बाबा के आश्रम पर छापा मारा, तो वहां से कुछ दस्तावेज, लैपटॉप और एक रजिस्टर बरामद हुआ. इस रजिस्टर में दर्ज थे

.धर्म बदलने वाले व्यक्तियों के नाम

.उन्हें दी गई “सेवा राशि”

.खर्च का विस्तृत लेखा-जोखा

.कुछ विदेशी संस्थानों से प्राप्त बैंक ट्रांजेक्शन की जानकारी

नसरीन बनी जांच की अहम कड़ी
इस पूरे नेटवर्क की एक और अहम किरदार के रूप में सामने आई है नसरीन, जो आश्रम के फाइनेंस और रिकॉर्ड मैनेजमेंट की जिम्मेदार बताई जा रही है.

सूत्रों के मुताबिक: “नसरीन के मोबाइल और मेल से कई विदेशी फंड ट्रांजेक्शन के सबूत मिले हैं, जो सीधे कुछ चर्च से जुड़ी संस्थाओं से जुड़े हुए हैं.”

विदेशी एनजीओ के लिंक?

जांच एजेंसियों का कहना है कि कुछ विदेशी गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) के जरिए फंड भारत भेजा गया था, जिसका उपयोग ग्रामीण और गरीब तबके के लोगों को लालच देकर धर्म परिवर्तन के लिए किया जा रहा था.

खुफिया सूत्रों के अनुसार: “छांगुर बाबा का आश्रम केवल एक माध्यम था, असली खेल ग्रामीण इलाकों में फैले छोटे समूहों के जरिए खेला जा रहा था.”

पुलिस और ATS की सक्रियता
इस पूरे मामले की जांच अब ATS (Anti-Terror Squad) और खुफिया एजेंसियों के हवाले कर दी गई है. फॉरेंसिक टीम ने लैपटॉप और मोबाइल से मिले डेटा को कब्जे में ले लिया है और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को भी जोड़ा गया है.

क्या बोले अधिकारी?
गोरखपुर एसपी (सिटी) ने मीडिया को बताया: “प्राथमिक जांच में विदेशी फंडिंग के संकेत मिले हैं. हम सबूतों को जोड़ने का काम कर रहे हैं, जल्द ही बड़ी कार्रवाई संभव है.”

क्या हैं कानूनी पक्ष?
उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण को लेकर पहले ही UP Prohibition of Unlawful Religious Conversion Ordinance 2020 लागू है, जिसके तहत किसी व्यक्ति को लालच, दबाव या धोखे से धर्म परिवर्तन कराने पर 10 साल तक की सजा का प्रावधान है.

विरोध और राजनीतिक बयानबाजी
इस मामले के सामने आने के बाद कई हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किया और छांगुर बाबा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. वहीं, विपक्ष ने जांच को “राजनीतिक रंग देने की कोशिश” करार दिया है.