सर्दी के इस मौसम में बच्चों में फ्लू और रोटावायरस टीकाकरण से कई बीमारियों में आई कमी

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आबिद कामदार

इंदौर। मौसम में हो रहे बदलाव के कारण इन दिनों खासकर बच्चों में सर्दी, खांसी व बुखार देखने को मिल रहा है। कुछ दिनों पूर्व ठंड कम हुई थी, लेकिन फिर से ठंड ने दस्तक दी है, अब मौसम ने फिर से करवट ले ली है। ठंडी हवा चलने के साथ सुबह व शाम ठंड लग रही है। ऐसे में मौसम के अनुसार न चलने में लापरवाही बरती, बच्चों का बीमार होना तय है। शुरुआत की सर्दी में बुजुर्गों व बच्चों का खास ख्याल रखना पड़ता है, अगर लापरवाही बरती गई, तो इन पर यह मौसम ज्यादा प्रभाव डालता है और बीमार कर देता है। वहीं फ्लू के टीकाकरण से इसमें कुछ प्रतिशत की कमी आई है।

टीकाकरण से हुई है ठंड में होने वाली बीमारियों में रोकथाम

शहर की बाल रोग विशेषज्ञ बताते है कि, ठंड के मौसम में वायरल, फ्लू से सम्बंधित समस्या बच्चों में बनी रहती है। लेकिन जब से फ्लू और रोटावायरस टीकाकरण हुआ है, रोटा वायरल डायरिया की वजह से होने वाली बीमारियों में रोकथाम हुई है। सामान्य रूप से इस मौसम में बच्चे सर्दी लगने से बीमार पढ़ जाते है। सर्दी के कारण जोर-जोर से छींक आना, तेज नाक बहना, गले में खराश या खांसी होना, शरीर में अकड़न या बुखार होना, उल्टी व दस्त लगना इस मौसम में होता है।

सर्दी का मौसम हेल्थी होता है, सावधानी रखी जाए तो कम हो बीमार

वैसे तो सर्दी का मौसम हेल्थी होता है, बस इस मौसम में थोड़ी सी सावधानी रखना होती है, दूसरे मौसम की अपेक्षा इस मौसम में बच्चे कम बीमार पड़ते है, वही अगर इस मौसम में थोड़ी और सावधानी रखी जाए तो यह आंकड़ा और नीचे आ सकता है। सर्दी के मौसम में भूख ज्यादा लगती है, इस वजह से बच्चों के खान पान में सुधार होता है, बेहतर खान पान का असर उनके बेहतर स्वास्थ्य का निर्माण करता है।

दिन में गर्मी रात में ठंड से बच्चों का ऐसे रखें खयाल

अभी ठंड का असर काफी तेज है, वहीं दिन में हल्की गर्मी भी लगना शुरू हो गई है। ऐसे में हम दो मौसम के बीच है, इससे बच्चे ज्यादा बीमार पढ़ते हैं। ऐसे में उन्हैं ठंड और गर्मी के सीधे प्रभाव से बचाना चाहिए। जिसमें ठंडे पानी का सेवन करना, ठंडी हवा से बचना,

धीरे धीरे उम्र के साथ बच्चों में बढ़ती है इम्यूनिटी

आमतौर पर बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती है, वहीं बच्चों में उम्र के साथ साथ इम्यूनिटी बढ़ती जाती है, जिससे इन बीमारियों से लड़ने में वह आंतरिक रूप से सक्षम हो जाते है। वहीं बच्चे कम बीमार पढ़ते है।

ठंड से करें बचाव

सुबह-शाम गर्म कपड़े पहनकर घर से निकलें, ठंड पांव से शरीर में प्रवेश करती है, इसलिए पैरों में मोजे व जूते पहनें। वाहन चलाते समय हाथों में दस्ताने पहनकर रखना चाहिए। भोजन के साथ व अन्य समय में पीने के लिए थोड़ा गर्म पानी का प्रयोग करें। छोटे बच्चों ठंडी हवा न लगने दें। सर्दियों में धूप में अवश्य बैठें।