Indore: डीएवीवी में ‘स्कूल ऑफ आयुष’ शुरू करने को लेकर बनी सैद्धांतिक सहमति

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By Anukrati GattaniPublished On: March 25, 2023

देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के तहत शीघ्र ही आयुष विद्यालय की स्थापना की जाएगी। यह जानकारी भारत सरकार के आयुष मंत्रालय की वैज्ञानिक सलाहकार समिति के तीसरी बार सदस्य फिर गए देश के प्रख्यात चिकित्सक डॉ. ए.के. द्विवेदी ने दी। उन्होंने इंदौर सांसद शंकर लालवानी के साथ महामहिम राज्यपाल मंगुभाई पटेल को आवंटन देते हुए इंदौर की देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के तहत स्कूल ऑफ एजष शुरू करने का निवेदन किया था, ताकि सिकलसेल और मामला संबंधी अन्य गंभीर बीमारियों से निपटने में मदद मिल सके।

राज्यपाल ने डॉक्टर द्विवेदी के आग्रह को स्वीकार करते हुए विश्वविद्यालय में “स्कूल ऑफ एजष” शुरू करने को लेकर पुरातन सहमति दी है। उन्होंने समझौता किया है कि इस संबंध में वो जल्द ही कैबिनेट से संबंधित अधिकारियों से चर्चा कर अगले सत्र में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में स्कूल आफ उम्र शुरू करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।

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देश 2047 तक भूटान से मुक्त 

उल्लेखनीय है कि सिकलसेल और अप्रभावित कार्य जैसी घातक बीमारियों से विशेष रूप से उल्लेखनीय क्षेत्र में हो रहे दुष्परिणामों को लेकर डॉ. द्विवेदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और वित्त मंत्री निर्वाचक मंडल से भी उनकी इंदौर यात्रा के दौरान चर्चा की थी। नए बजट में केंद्र सरकार ने भी देश को 2047 तक विपक्षी मुक्‍त बनाने का लक्ष्‍य रखा है। इसकी दृष्टिगत विश्वविद्यालय में आयुष विद्यालय की स्थापना अत्यंत महत्वपूर्ण कड़ी है। स्थिति (सिकलसेल) को रोकने के लिए डॉ. द्विवेदी द्वारा लंबे समय से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। उनके प्रत्येक वर्ष फरवरी माह के अंतिम रविवार से मार्च के पहले रविवार तक इंदौर में गिरोह रथ के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया जाता है। इसमें डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, ग्राहक एवं आम लोगों के साथ-साथ इंदौर के सांसद शंकरवानी लाला भी प्रमुखता से हिस्सा लेते हैं।

 

‘स्कूल ऑफ एजेज’ से यह लक्ष्य प्राप्त होगा 

राज्यपाल से डॉ. द्विवेदी के लेखक के पास मौजूद लालवानी भी मानते हैं कि स्कूल ऑफ एज की स्थापना के दौरान सिकल सेल और दिखाई देने वाली बीमारियों की रोकथाम की दिशा में एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो सकती है। इससे यह लक्ष्य प्राप्त करने में बहुत मदद मिलेगी। इस वर्ष डॉ. द्विवेदी द्वारा जन-जागरूकता के तहत चलाए गए नौका रथों ने इंदौर शहर और आसपास के क्षेत्रों में 8 दिनों में लगभग 200 किलोमीटर की यात्रा की। इस दौरान रथ के साथ चलने वाली होम्योपैथिक जगहों की टीम ने करीब 35 हजार लोगों से गठबंधन के लक्षण, होम्योपैथिक उपचार और भ्रष्टाचार की जानकारी दी। लालवानी कहते हैं कि जिस तरह से स्वच्छता में नंबर-1 है। इसी तरह से डाॅ. ए.के. द्विवेदी के आपसी प्रयासों से ये गठबंधन मुक्त में भी नंबर-1 बनेगा।