IMD Alert : कड़ाके की ठंड के साथ इन जिलों में होगी झमाझम बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

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देश के कई क्षेत्रों में अभी भी भारी बारिश की संभावना बनी हुई है। इसी के साथ तापमान में गिरावट होने से ठंड का असर बढ़ना शुरू हो गई है। इससे शैक्षणिक संस्थानों में समय को आगे बढ़ाने के आदेश भी देखने को मिल रहा है।

पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के चलते देश के मौसम में काफी बदलाव हो रहा है। एक तरफ़ देश के उत्तरप्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान जिसे राज्यो में ठंड और कोहरा का मौसम है। वही दक्षिण के राज्यो में बारिश का देखनी को मिल रहि है। भारतीय मौसम विभाग की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार आज 25 नवंबर शुक्रवार को कर्नाटक,केरन और तमिलनाडु से लेकर देश के 10 राज्यो ने मध्य से भारी बारिश के चेतवानी जारी की है।

पहाड़ी राज्यों में हिमपात

मौसम विभाग ने दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में बारिश होने की भी संभावना जताई है। अगले 4-5 दिनों के दौरान उत्तर पश्चिम और आसपास के मध्य भारत के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान 8-10 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड सहित तमाम पहाड़ी राज्यों में हिमपात के साथ बारिश हो सकती है।

बारिश होनी की उम्मीद

आज अंडमान और निकोबार द्वीप सहित दक्षिण आंतरिक कर्नाटक उतर तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के कुछ इलाकों में मध्य से भारी बारिश होने की चेतावनी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट ने जारी की है। वही आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों के आलावा गोवा, तेलंगाना, और लक्षद्वीप में कुछ जगह हल्की बारिश होनी की उम्मीद है। IMD ने जारी किए गए रिपोर्ट के अनुसार अंडमान सागर के ऊपर एक ताजा चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र उभरने की संभावना बताई जारहीं है।

 बढ़ सकती है ठंड

मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार आज तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल, पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह समेत कई राज्यो मे बारिश की संभावना जताई जा रहीं है। वही लक्षद्वीप, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में अगले 5 दिनों के लिए मध्य बारिश होती रहेगी। 25 नवंबर बाद उतर भारत में ठंड बढ़ सकती है।

इन राज्यों मै होंगी शीतलहर

मौसम विभाग के मुताबिक उत्तरी राजस्थान,पंजाब, हरियाणा, ओर दिल्ली के साथ साथ पश्चिम उतर प्रदेश में बारिश के साथ तेज हवा की संभावना है।अगले 2 दिनों के दौरान बिहारऔर झारखंड के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट और उसके बाद कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं।