अगर प्रेग्नेंसी में आप कर रही है नवरात्रि व्रत, तो जरूर रखें इन बातों का ध्यान

Ayushi
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चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 13 अप्रैल से हो चुकी है। चैत्र नवरात्रि का त्यौहार पूरे नौ दिनों तक मनाया जाता हैं। इस पर्व को सबसे ज्यादा पावन पर्व माना जाता है। नवरात्रि में मां नव दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है। भारतवर्ष में नवरात्रि को विशेष रूप से मां दुर्गा की आराधना का सबसे बड़ा पर्व माना गया है, जो 9 दिनों तक चलता है।

साथ ही इन नौ दिनों में व्रत रखने का भी विधान है। इन नौ दिनों में हर कोई व्रत रख कर मनोकामनाएं मांगते है जो पूर्ण हो जाती है। लेकिन कई बार अनजाने में नवरात्रि के दौरान कुछ महिलाएं अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देती हैं। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। वहीं नवरात्रि के दौरान गर्भवती महिलाओं को कुछ खास बातों का ख्याल रखना चाहिए। आज हम आपको कुछ ऐसी बाते बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से आप खुद का ख्याल रखना सीख सकते हैं। तो चलिए जानते है –

गर्भवती महिलाएं क्या खाएं –

नवरात्री के दौरान अगर गर्भवती महिला व्रत रख रही है तो उन्हें आलू, खीर, साबुदाना, पकौड़े जैसे विशिष्ट नवरात्रि भोजन से परहेज करना चाहिए। दरअसल, ये भोजन मोटा कर सकते हैं साथ ही जटिलताएं भी उत्पन्न कर सकते हैं। वहीं नमक की कमी से भी बचना चाहिए वरना उनके शरीर में कमजोरी पैदा हो जाती है।

गर्भवती महिलाओं को कभी भी बिना पानी के व्रत नहीं रखना चाहिए। अगर वो ऐसा कर रही है तो इस बात का ध्यान रखे कि पेट में एक ओर जान पल रही है जिसे पानी पीने के लिए केवल आप पर ही टिका रहना है इसलिए व्रत में पानी जरूर पिएं।

व्रत रखने के बारे में खुद से ही न विचार लें, इसके बारे में डॉक्‍टर से जरूर पूछें। दरअसल, अगर डॉक्‍टर को लगेगा कि व्रत रखने से आपको और आपके शिशु को कोई तकलीफ नहीं होगी तो वह हां कहेंगे नहीं तो आपको उनके निर्णय का आदर करना होगा। जब आप गर्भवती होती हैं तब आप और आपके बच्‍चे को एनर्जी की जरूरत होती है। व्रत के समय जरूरी हों ताकि आपके शरीर से थकावट दूर रहे और एनर्जी बनी रहे।

बता दे, कुछ महिलाएं लंबे समय तक व्रत रख लेती हैं. ऐसा करने से शरीर में कमजोरी, एसिडिटी, सिरदर्द और खून की कमी हो जाती है। कभी भी शरीर के संकेतों को नजरअंदाज न करें। अगर आपको नींद या कमजोरी आ रही है तो अपने शरीर की बात को तुरंत सुनें। इसके अलावा व्रत रखते समय केवल ठोस पदार्थो पर ही न टिकी रहें बल्‍कि तरल पदार्थ भी लें। इसकेलिए छाछ, ताजा जूस, दूध और ढेरा सारा पानी पीना बहुत जरूरी होता है।