इंदौर : आय डी ए के अध्यक्ष ने 4 घंटे तक अफसरों से की बातचीत, नामांतरण के लिए लोहा मंडी जाएगी टीम

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इंदौर(Indore) : इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा ने कल चार घंटे तक अफसरों को बताया कि कौन सा काम कैसे करना है। अभी तक जो लापरवाही हुई, वह नहीं चलेगी। नामांतरण के सभी मामले पंद्रह दिन में निपटाना पड़ेंगे।

चुनाव आचार संहिता समाप्त होने के बाद अध्यक्ष चावड़ा और मुख्य कार्यपालन अधिकारी रामप्रकाश अहिरवार ने कल अफसरों से बात की। सबसे पहले जो काम चल रहे हैं। वह समय सीमा में पूरा करने के लिए दो शिफ्ट में काम करने के लिए कहा है। अंतरराज्य बस अड्डा का काम इस साल हर हालत में पूरा करना है। इसके अलावा जो मेजर रोड बनाना शुरू की है, वह काम भी समय पर पूरे करना है।

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सुपर कॉरिडोर पर जो काम चल रहे हैं। उनमें लापरवाही बरतने वाले ठेकेदारों पर कार्रवाई करने के लिए कहा है। इंजीनियरों से कहा है कि वे रोजाना साइट पर जरूर जाएं। रोज हो रहे काम की प्रगति के फोटो खींचने के लिए कहा है। इसके अलावा सबसे ज्यादा दिक्कत संपदा विभाग को लेकर है। जहां के कर्मचारियों की शिकायत लगातार आ रही है। नामांतरण और फ्री होल्ड संपत्ति के मामले उलझते जा रहे हैं। आज लोहा मंडी में अफसर खुद वहां जाएंगे और सोलह नामांतरण के मामले मौके पर ही निपटाए जाएंगे। अगले हफ्ते तक नामांतरण के सभी आवेदन शिविर लगाकर मंजूर किए जाएंगे।

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फ्री होल्ड संपत्ति को लेकर भी पंद्रह दिन से ज्यादा कोई आवेदन लंबित नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में हो रही शिकायत को दूर करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है। अध्यक्ष चावड़ा ने अफसरों को फटकारा की उनकी टेबल पर दो सौ से ज्यादा फाइल हमेशा रहती है। रोज की फाइलें रोज निपटाने के बाद ही घर जाएं। भले ही रात को दस बजे तक दफ्तर में बैठना पड़े। जो कर्मचारी देरी से आते थे और जल्दी चले जाते थे। अब उन्हें निलंबित करने के लिए कहा है। आईडीए बिल्डिंग में चढ़ाव पर रखी अलमारियों को को हटाने के लिए कहा है। सभी दस्तावेजों की इंट्री कंप्यूटर में करने के लिए कहा।

चावडा ने प्लानिंग विभाग के अफसरों से कहा कि एक बार में ही किसी काम की प्लानिंग को पूरा किया जाए। बार-बार प्लानिंग में बदलाव करने से अफसरों को संदेह की निगाह से देखा जाता है। काम भी समय पर नहीं होते हैं। कोर्ट में चल रहे मामलों को लेकर संपदा विभाग और कानून विभाग के अफसरों को कहा कि लगातार समन्वय बनाकर काम करें। कोई भी केस कोर्ट में नहीं हारना चाहिए। संपदा विभाग के अफसर समय पर दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा पाते हैं। इस कारण कोर्ट में प्राधिकरण अपना पक्ष मजबूती से नहीं रख पाता है। अब हर सोमवार को विकास कार्यों की समीक्षा होगी। जिसमें हर विभाग के अफसरों को जो टारगेट दिए जाएंगे वह पूरा करना पड़ेंगे।