नई दिल्ली। महामारी के चलते भारत के शिक्षा तंत्र में भारी व्यवधान पैदा हुए इसके परिणामस्वरूप ऑनलाइन लर्निंग का जो मॉडल सामने आया है उसने क्लासरूम टीचिंग के मोर्चे पर काफी बदलाव किए हैं एचपी इंडिया फ्यूचर ऑफ लर्निंग स्टडी 2022(HP India Future of Learning Study 2022) के अनुसार सर्वे में शामिल 98 प्रतिशत अभिभावकों और 99 प्रतिशत शिक्षकों का मानना है कि ऑनलाइन शिक्षा जारी रहने की वजह से ही पढ़ाई-लिखाई में निरंतरता बनी रही सच तो यह है कि 91 प्रतिशत छात्रों का मानना है कि ऑनलाइन लर्निंग(online learning) एक तरह से पारंपरिक क्लासरूम लर्निंग की पूरक है।
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
केतन पटेल, एमडी एचपी इंडिया(Ketan Patel, MD HP India) ने कहा इस चुनौतीपूर्ण दौर में टैक्नोलॉजी ही सहारा बनकर उभरी है और यह असर लर्निंग के क्षेत्र में भी लागू होती है हाइब्रिड लर्निंग मॉडल में ऑनलाइन तथा पारंपरिक कक्षाओं में व्यक्तिगत इंटरेक्शंस का मेल होता है जिससे लर्निंग क्वालिटी बेहतर बनती है डिजिटल लर्निंग के चलते छात्र-शिक्षक इंटरेक्शंस भी बेहतर हुए हैं और साथ ही हरेक पक्ष की सुरक्षा और सुविधा भी सुनिश्चत हुई है इस दौरान छात्रों और शिक्षकों ने बेहतर कार्य-जीवन संतुलन को हासिल किया कार्यकुशलताओं में सुधार हुआ और समझ आधारित इंस्ट्रक्शन डिलीवरी का लाभ भी मिला एचपी इंडिया फ्यूचर ऑफ लर्निंग स्टडी 2022 के आधार पर हमारा मानना है कि डिजिटल लर्निंग से अधिक दक्ष एवं प्रभावी लर्निंग मॉडल तैयार करने में मदद मिलेगी।