बारिशों का मौसम (Rainy season) यूँ तो दिल को बहुत ही लुभाने वाला होता है । भीषण गर्मी के बाद आने वाली बरसात प्रकृति में जीवनदायी परिवर्तन करती है । वृक्षों, वनों और फसलों के लिए वर्षा ऋतु विशेष पोषण का काल होता है । धरती हरियाली की चादर ओढ़ कर, सुंदर प्राकृतिक दृश्यों का निर्माण करती है । जिस तरह प्रत्येक क्रिया का सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही पहलू होते हैं उसी आधार पर बारिश की इतनी सारी विशेषताओं के बाद भी इसकी कुछ भौगोलिक (Geographical) और सामाजिक प्रतिक्रियाएँ सामान्य जनजीवन की परिस्थिति को कठिनतम और कभी-कभी भयावह भी बना देती हैं । जहाँ देश के कई इलाकों में लगभग प्रति वर्ष आने वाली बाढ़ से त्रासदियों की स्थिति निर्मित होती है, जान और माल को लाजवाब नुकसान के साथ ही जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो जाता है, वहीं बारिश के दौरान और बारिश के बाद गड्डों सड़कों और अन्य इलाकों में पानी भर जाने से विभिन्न बेक्टेरिया पनपने का भी खतरा रहता है ।
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इन चीजों से करें परहेज
बारिशो का मौसम यूँ तो खाने की अभिलाषा जगाने वाला होता है, कई तरह के पकवान इस दौरान खाने का मन करता है, परन्तु कुछ सावधानियां और परहेज रखना भी अत्यंत आवश्यक है वरना बीमार होने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है । भारतीय आर्युवेद और शारिरिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ बारिशों में विशेषकर इन चीजों के सेवन से परहेज करने की सलाह देते हैं ।
1. दूध और दूध से बने पदार्थ विशेषतः दही- दूध और दूध से बने पदार्थ विभिन्न प्रोटीन और विटामिन्स से भरपूर होकर सम्पूर्ण आहार होते हैं । इनके सेवन से शरीर पुष्ट होता है और साथ ही विशेष स्वास्थ्य ऊर्जा प्राप्त होती है ।परन्तु आयुर्वेद के अनुसार बारिशों में दूध और दूध से बने पदार्थों से परहेज करने के निर्देश दिए गए हैं । विशेषकर दही समेत सभी डेयरी प्रोडक्ट में बारिशों के दौरान अधिक बैक्टीरिया पनपने की सम्भावना होती है ।
2.हरी सब्जियां और गोभी-डेयरी प्रोडक्ट्स की तरह ही हरी सब्जियां भी शारिरिक पोषण का आधार होती है, स्वस्थ शरीर के लिए आवश्यक कई पोषक तत्वों की इनमें भरमार रहता है । परंतु बारिशो के मौसम में हरी सब्जियों, पत्ता गोभी और फूल गोभी में कीड़े और बैक्टीरिया उत्पन्न होने की अधिक संभावना होती है । इसलिए इनसे बचने की या फिर सीमित मात्रा में विशेष सावधानी से ही इनके उपयोग की सलाह विशषज्ञों के द्वारा दी जाती है ।
3. तली-गली खाद्य सामग्री – बारिश के मौसम में वैसे तो गरमागरम और तले खाद्य पदार्थो के सेवन की विशेष ललक उत्पन्न होती है । खासकर के भजिये भारत देश में बारिशों का अनिवार्य अंग हैं, जोकि अधिकतम भारतीयों के द्वारा बरसते पानी के दौरान खाए ही जाते हैं । डॉक्टर परन्तु तले-गले खाद्य पदार्थो के अधिक सेवन को नुकसान दायक मानते हैं और परहेज की सलाह देते हैं ।
4. खुले में बिकने वाली खाद्य सामग्री-भारत की सड़कों और गलियों में मिलने वाले खाद्यान जिन्हें स्ट्रीट फूड कहा जाता है काफ़ी स्वादिष्ट और लोकप्रिय होते हैं । रेहड़ियों पर बिकने वाले विभिन्न व्यंजन सभी को अपनी और आकर्षित करते हैं, परन्तु सुरक्षा और साफ-सफाई के अभाव में बिकते इन व्यंजनों के सेवन से बीमार होने की भी संभावना निर्मित हो सकती है। विशेषकर बारिश के दिनों में खुले में बिकने वाले ये स्ट्रीट फ़ूड और भी ज्यादा नुकसान दायक सिद्ध होते हैं, क्योंकि बारिश के मौसम में मक्खी, मच्छर और अन्य कीटाणु अधिक पनपते हैं और खुले में बिकने वाली खाद्य सामग्रियों पर जाकर बैठते हैं, जिससे रोग और महामारी फैलने की आशंका हो सकती है।
5. अधिक मसालेदार खाद्यान- बारिशों के दौरान अधिक मसालेदार खाद्य सामग्री के सेवन से भी बचना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार इस दौरान भोजन को पचाने वाली जठराग्नि मंद पड़ जाती है और अधिक मिर्च-मसालेदार और गरिष्ठ भोजन का सेवन पेट खराब कर सकते हैं। अतएव वर्षा ऋतू में अधिक मसालेदार और गरिष्ठ भोजन से परहेज की सलाह आयुर्वेद के जानकारों के द्वारा दी जाती है।
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