पसीना आना एक सामान्य जैविक प्रक्रिया है, जो शरीर का तापमान नियंत्रित करती है. लेकिन अगर बिना गर्मी, व्यायाम या तनाव के भी पसीना आ रहा है, या पसीने से अजीब दुर्गंध आ रही है—तो यह केवल मौसम का असर नहीं, बल्कि किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है. आइए जानें कि शरीर किन बीमारियों की चेतावनी पसीने के जरिए देता है.
शरीर किन बीमारियों की चेतावनी पसीने के जरिए देता है
पसीना आना भले ही शरीर का नेचुरल प्रोसेस हो, लेकिन जब यह असामान्य रूप से बार-बार या किसी खास समय (जैसे रात) में आता है, तो यह कुछ गंभीर बीमारियों का Silent Warning Sign हो सकता है.
1. हाइपरहाइड्रोसिस (Hyperhidrosis) – जरूरत से ज्यादा पसीना
यह एक स्थिति है जिसमें बिना किसी बाहरी कारण के अत्यधिक पसीना आता है. यह हाथों, पैरों, अंडरआर्म्स या चेहरे पर भी हो सकता है। इसका कारण नर्वस सिस्टम का असंतुलन हो सकता है.
2. दिल की बीमारी – सीने और पीठ पर अचानक पसीना
अगर बिना exertion के अचानक पसीना आता है, और इसके साथ सीने में भारीपन, घबराहट या थकावट महसूस होती है, तो यह हार्ट अटैक या एंजाइना का संकेत हो सकता है.
3. थायरॉयड की गड़बड़ी – गर्मी न हो फिर भी पसीना
हाइपरथायरॉयडिज्म में शरीर का मेटाबॉलिज्म तेज हो जाता है, जिससे बहुत पसीना आता है. वजन कम होना, तेज धड़कन और चिड़चिड़ापन इसके अन्य लक्षण हैं.
4. डायबिटीज – लो ब्लड शुगर के साथ ठंडा पसीना
डायबिटिक पेशेंट्स में जब ब्लड शुगर लेवल गिरता है, तो शरीर ठंडा पसीना छोड़ता है. यह चेतावनी है कि तुरंत कुछ मीठा खाएं.
5. तनाव और एंग्जायटी – भावनात्मक पसीना
कभी-कभी मेंटल स्ट्रेस, घबराहट या एंग्जायटी के कारण भी अंडरआर्म्स और हथेलियों में चिपचिपा पसीना आता है.
6. संक्रमण या बुखार – रात में पसीना
टाइफाइड, टीबी, मलेरिया या HIV जैसे संक्रमणों में रात में अत्यधिक पसीना आना एक क्लासिक लक्षण होता है। इसे नाइट स्वेट्स कहते हैं.
7. हॉर्मोनल बदलाव – महिलाओं में रजोनिवृत्ति (Menopause)
महिलाओं में मेनोपॉज़ के दौरान हॉट फ्लैशेज और पसीना आना आम है. यह एस्ट्रोजन लेवल में बदलाव के कारण होता है.
8. कैंसर की चेतावनी – विशेष रूप से लिंफोमा
लगातार पसीना आना, खासकर रात को, और वजन तेजी से घटना, लिंफोमा जैसे कैंसर के लक्षण हो सकते हैं. अगर लक्षण लगातार बने रहें, तो जांच कराना जरूरी है.
क्या करें बचाव?
शरीर की गंध और पसीने के पैटर्न पर ध्यान दें, अत्यधिक पसीना आने पर डॉक्टर से परामर्श लें. लो शुगर, थायरॉयड, हॉर्मोन टेस्ट नियमित कराएं हाइड्रेटेड रहें और स्ट्रेस को मैनेज करें.