अगर इतनी बढ़ गई हार्ट रेट, तो हो जाएं सतर्क, आ सकता है दिल का दौरा, ये उपाय जान कर बचाएं अपनी जान

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By Abhishek SinghPublished On: May 2, 2025

दिल हमारे शरीर का एक अत्यंत संवेदनशील लेकिन अत्यावश्यक अंग है। इसकी धड़कन ही जीवन के अस्तित्व का संकेत मानी जाती है। जब तक दिल सामान्य रूप से धड़कता है, तब तक सब कुछ ठीक होता है, लेकिन अचानक धड़कनों की गति तेज हो जाए तो यह संभावित खतरे का संकेत हो सकता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि हार्ट रेट निर्धारित सीमा से अधिक हो जाए, तो यह दिल के दौरे का संभावित संकेत हो सकता है। ऐसी स्थिति में समय पर ध्यान न दिया जाए तो जान बचाना मुश्किल हो सकता है। जानिए सामान्य हार्ट रेट कितना होना चाहिए, किस स्तर पर सतर्क हो जाना ज़रूरी है और किन उपायों से इस खतरे से खुद को सुरक्षित रखा जा सकता है।

हार्ट रेट कब देता है दिल की बीमारी का इशारा

अगर इतनी बढ़ गई हार्ट रेट, तो हो जाएं सतर्क, आ सकता है दिल का दौरा, ये उपाय जान कर बचाएं अपनी जान

विशेषज्ञों के अनुसार, यदि आप आराम की स्थिति में हैं और आपकी हार्ट रेट 120 बीपीएम या उससे अधिक हो जाती है, तो सतर्क हो जाना जरूरी है। खासकर यदि इसके साथ चक्कर आना, सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द, बेचैनी या अत्यधिक पसीना जैसी समस्याएं भी दिखें, तो यह संभावित हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है। ऐसे में आप मोबाइल फिटनेस बैंड या स्मार्टवॉच की मदद से अपना हार्ट रेट रियल टाइम में मॉनिटर कर सकते हैं।

नॉर्मल हार्ट रेट की पहचान और सही रेंज क्या है?

एक स्वस्थ वयस्क की सामान्य हार्ट रेट 60 से 100 बीट प्रति मिनट (BPM) के बीच मानी जाती है। यदि यह दर 100 BPM से अधिक हो जाए, तो इसे ‘टैकीकार्डिया’ कहा जाता है, जो असामान्य रूप से तेज धड़कन की स्थिति है। लंबे समय तक हार्ट रेट का अधिक रहना हृदय पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है और रक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न कर सकता है।

जानिए कैसे करें खुद की रक्षा

  • ठंडा पानी पीने से शरीर का तापमान संतुलित होता है और दिल की धड़कन सामान्य रखने में मदद मिल सकती है।
  • कैफीन और एनर्जी ड्रिंक्स का सेवन न करें, क्योंकि ये दिल की धड़कन को तेज कर सकते हैं।
  • धीरे-धीरे गहरी सांस लें और कुछ क्षण रोकें। सांस को गिनते हुए अंदर लें और छोड़ें, यह प्रक्रिया दिल की धड़कन को स्थिर रखने में सहायक हो सकती है।
  • नियमित ईसीजी और रक्तचाप मापने से दिल की सेहत पर नजर रखें।
  • यदि तेज धड़कन लगातार बनी रहे, तो तुरंत चिकित्सा जांच करवाएं और डॉक्टर से परामर्श लें।