मार्च की शुरुआत हो चुकी है, और इस बार मौसम में जल्दी ही गर्माहट महसूस की जाने लगी है। दिन के समय तेज धूप के कारण तापमान भी बढ़ रहा है। इसी बीच, गर्मियों में स्किन को ठंडक पहुंचाने के लिए कई लोग आइस डिप का सहारा लेते हैं, जिसमें बर्फ से भरे बड़े बर्तन में कुछ देर तक चेहरे को डुबोया जाता है। यह तरीका त्वचा की लालिमा, जलन और खुजली जैसी समस्याओं को कम करने के साथ-साथ चेहरे की सूजन को भी कम करता है।
गर्मियों में चेहरे को आइस डिप देने से पसीना कम होता है, जिससे त्वचा ताजगी से भरपूर दिखती है। इसके अलावा, चेहरे पर एक प्राकृतिक चमक भी नजर आती है, क्योंकि इससे पोर्स टाइट हो जाते हैं। यह विधि मुंहासों और फोड़े-फुंसियों को कम करने में भी मददगार साबित हो सकती है। हालांकि, इसे अपनाने से पहले इसके संभावित साइड इफेक्ट्स के बारे में जान लेना जरूरी है।

रक्त संचार पर पड़ सकता है असर
चेहरे को बर्फ में डुबोने से रक्त संचार प्रभावित हो सकता है, जिससे झनझनाहट और सुन्नपन महसूस हो सकता है। खासतौर पर जिन लोगों को पहले से ही स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं, उनके लिए यह परेशानी और बढ़ सकती है।
आइस डिप से रैशेज और जलन की संभावना
चेहरे को तरोताजा बनाए रखने के लिए कई लोग आइस क्यूब में फेस डिप करते हैं, लेकिन बार-बार ऐसा करने से लाभ के बजाय नुकसान हो सकता है। बर्फ अत्यधिक ठंडी होने के कारण त्वचा पर कठोर प्रभाव डाल सकती है, जिससे रैशेज, जलन और खुजली जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। अधिक इस्तेमाल से फफोले पड़ने का खतरा भी हो सकता है।
बैक्टीरिया की वृद्धि को दे सकता है बढ़ावा
चेहरे को कुछ देर तक बर्फ में डुबोकर रखने से पोर्स सिकुड़ जाते हैं, जिससे त्वचा से पसीना बाहर नहीं निकल पाता। यदि यह प्रक्रिया बार-बार दोहराई जाए, तो त्वचा सही तरीके से साफ नहीं हो पाती और बैक्टीरिया बढ़ने लगते हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही, इससे त्वचा में अधिक ड्राइनेस आ सकती है, जिससे स्किन पर पपड़ी जैसी परत बन सकती है।
इन लोगों के लिए ज्यादा हानिकारक
जिनकी त्वचा संवेदनशील होती है, उन्हें आइस डिप करने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे त्वचा में जलन और लालिमा बढ़ सकती है। रेडनेस और इरिटेशन की समस्या अधिक होने पर यह असहज महसूस करा सकता है और स्किन को नुकसान पहुंचा सकता है।