मॉनसून जहां एक तरफ गर्मी से राहत लाता है, वहीं दूसरी तरफ यह कई संक्रमणों की शुरुआत भी करता है — और सबसे ज्यादा असर होता है आंखों पर. बारिश के मौसम में फंगल और बैक्टीरियल इंफेक्शन तेजी से फैलते हैं, और कई बार यह आंखों की रोशनी तक को प्रभावित कर सकते हैं. योगगुरु बाबा रामदेव ने इस मौसम में आंखों को सुरक्षित रखने के लिए कुछ आसान लेकिन असरदार उपाय बताए हैं.
क्यों बढ़ जाता है फंगल इंफेक्शन का खतरा?
नमी और गंदगी से फंगल स्पोर्स एक्टिव हो जाते हैं. गीले हाथों से आंखें छूना, या संक्रमित पानी का उपयोग करना, संक्रमण को बढ़ावा देता है. कॉन्टैक्ट लेंस पहनने वालों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए.

फंगल या बैक्टीरियल इंफेक्शन के लक्षण:
.आंखों में लालिमा और जलन
.सूजन या पलकों पर गांठ
.धुंधलापन या धुंधली दृष्टि
.आंखों से पानी या पस निकलना
.रोशनी से चुभन
बाबा रामदेव से जानिए – कैसे करें आंखों की देखभाल?
बढ़ती उम्र, मोबाइल स्क्रीन का अत्यधिक इस्तेमाल, प्रदूषण और अनियमित जीवनशैली – ये सब आंखों की रोशनी पर सीधा असर डालते हैं. खासकर मॉनसून में नमी के कारण फंगल इंफेक्शन और एलर्जी का खतरा भी बढ़ जाता है. योगगुरु बाबा रामदेव का मानना है कि अगर हम रोजाना थोड़े से नियम अपनाएं, तो आंखों की देखभाल बिल्कुल आसान हो सकती है.
1. त्रिफला जल से आंखों की धुलाई- त्रिफला आंखों की सफाई और ठंडक के लिए सर्वोत्तम है, 1 चम्मच त्रिफला रातभर पानी में भिगो दें, सुबह छानकर उस पानी से आंखें धोएं, ये उपाय रोज करें.
2. गुलाबजल और शहद का मिश्रण- शुद्ध गुलाबजल में 1 बूंद शहद मिलाकर आंखों में डालें, संक्रमण कम होता है और आंखों में नमी बनी रहती है.
3. नेत्रसंज्ञान प्राणायाम (Eye Yoga)- किसी स्थिर बिंदु पर बिना पलक झपकाए देखना, पलकों की स्ट्रेचिंग: ऊपर-नीचे और दाएं-बाएं देखना,5-10 मिनट प्रतिदिन करें.
4. आयुर्वेदिक आहार- आंवला, गाजर, त्रिफला, और तुलसी का सेवन करें, विटामिन A और C से भरपूर भोजन आंखों को मजबूत बनाता है.
5. इन बातों का रखें खास ध्यान- भीगे हाथों से आंखें न छुएं, गंदे रूमाल या तौलिया से आंखें न पोंछें, सार्वजनिक जगहों पर आंखों को रगड़ने से बचें, कॉन्टैक्ट लेंस की सफाई रोज करें.
बाबा रामदेव की सलाह:
अगर आप रोज प्राणायाम, त्रिफला और आयुर्वेद अपनाते हैं, तो आंखों की 90% बीमारियों से दूर रह सकते हैं – चाहे वो मॉनसून हो या कोई भी मौसम!”