यह सवाल अक्सर उठता है कि सेहत के लिए कौन सा बेहतर है – वेज या नॉनवेज? इस सवाल का उत्तर हर कोई अपनी-अपनी राय से देता है, और इस पर कई शोध भी किए गए हैं। कुछ शोधों में प्लांट-बेस्ड फूड्स को स्वास्थ्य के लिए बेहतर बताया गया है, तो कुछ में नॉनवेज, खासकर आयरन और प्रोटीन के लिए, अधिक फायदेमंद माना गया है। हालांकि, हाल ही में एक नई स्टडी ने रोजाना चिकन खाने वालों के लिए चिंता की बात उठाई है। इस रिसर्च में सलाह दी गई है कि डाइट को संतुलित बनाए रखना जरूरी है, ताकि सेहत पर नकारात्मक असर न हो। इसमें चिकन खाने वालों को विशेष रूप से सतर्क किया गया है।
चिकन का सेवन क्यों हो सकता है खतरनाक ?
शोधकर्ताओं ने यह पाया कि अत्यधिक चिकन का सेवन गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर (पाचन तंत्र से संबंधित कैंसर) के जोखिम को बढ़ा सकता है। उन्होंने 20 वर्षों तक 4,869 वयस्कों के डेटा का विश्लेषण किया और यह निष्कर्ष निकाला कि जिन लोगों का चिकन सेवन अधिक था, उनमें समय से पहले मृत्यु का खतरा भी ज्यादा था।

हालांकि, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि खतरा चिकन की गुणवत्ता से है या उसे पकाने के तरीकों जैसे डीप फ्राई या ग्रिलिंग से। शोधकर्ता मानते हैं कि इस पर और गहराई से अध्ययन की आवश्यकता है। न्यूट्रिएंट्स जर्नल में प्रकाशित इस रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने चिकन के सेवन को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी है।
स्टडी का क्या है निष्कर्ष?
इटली के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के शोधकर्ताओं के अनुसार, अत्यधिक चिकन का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। उनका कहना है कि जो लोग हफ्ते में 300 ग्राम से अधिक चिकन खाते हैं, उन्हें पेट और आंत से संबंधित बीमारियों और कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है। दिलचस्प बात यह है कि पहले यह माना जाता था कि रेड मीट से बचना चाहिए और पोल्ट्री (चिकन) एक बेहतर विकल्प है, लेकिन इस नई स्टडी के बाद यह धारणा बदल गई है।
नॉनवेज खाने वालों के लिए क्या है जरूरी सलाह?
- चिकन कम खाएं
- चिकन को स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद और सुरक्षित तरीके से पकाने की कोशिश करें।
- अपनी रोज़ाना की डाइट में फल, सब्जियाँ और फाइबर की मात्रा बढ़ाएं।
- प्रोसेस्ड मीट या डीप फ्राइड चिकन से बचें.