कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जिसको समाज में काफी भयावह दृष्टि से देखा जाता है| यह बीमारी न केवल व्यक्ति के शारीरिक और आर्थिक रूप को प्रभावित करती है, बल्कि मानसिक रूप से मरीज़ को कमजोर बना देती है। पिछले कुछ दशको में कैंसर के मामले तेजी से बढे है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार 2050 तक नए कैंसर मामलों की संख्या 35 मिलियन तक पहुंचने का अनुमान है, जो 2022 के मुकाबले लगभग 77% अधिक है। तंबाकू, शराब, मोटापा और वायु प्रदूषण जैसे कारक कैंसर की बढ़ती घटनाओं के लिए जिम्मेदार हैं। इससे बचाव का सबसे बेहतर उपाय है, इसके प्रति लोगो को जागरूक करना| इस साल वर्ल्ड कैंसर डे की थीम “यूनाइटेड बाय यूनिक” है, जो यह संदेश देती है कि हम सभी मिलकर इस बीमारी के खिलाफ लड़ाई लड़ सकते हैं और जागरूकता फैलाकर इसका प्रभाव कम कर सकते हैं।
एडवांस्ड होम्यो हेल्थ सेंटर एवं होम्योपैथिक मेडिकल रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर एवं सीईओ डॉ. ए.के द्विवेदी ने कहा कि, “हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक करना और इसका समय रहते निदान एवं उपचार सुनिश्चित करना है। कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन समय पर जांच और सही उपचार से इसे मात दिया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने “मन की बात” में कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने की अपील की थी, जिससे प्रेरित होकर इस दिवस को और अधिक प्रभावी बनाने का प्रयास किया जा रहा है। खासकर महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर, ओवरी कैंसर और सर्वाइकल कैंसर जैसे कैंसर ज्यादा देखने को मिलते हैं। महिलाओं में कई बार कैंसर के लक्षणों को नजरअंदाज कर दिया जाता है, जैसे मीनोपॉज़ के बाद असामान्य रक्तस्राव या अत्यधिक रक्तस्त्राव। ये लक्षणों को नज़रंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए क्यूंकि समय रहते पहचाने जाएं तो उपचार संभव है। अन्यथा इसका दुष्परिणाम घातक हो सकता है|”
होम्योपैथी में इसके उपचार को लेकर डॉ. द्विवेदी बताते है कि, “होम्योपैथी एक प्राचीन चिकित्सा पद्धति है, जो केवल दवाओं के माध्यम से उपचार करती है। यह कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों में सहायक भूमिका निभा सकती है, खासकर कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी के दुष्प्रभावों को कम करने में। होम्योपैथी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है, रक्त (खून) बढ़ती है, दर्द और मानसिक तनाव को नियंत्रित करती है और पूरी तरह प्राकृतिक और सुरक्षित इलाज प्रदान करती है। इसके साथ ही, कैंसर जागरूकता आज बेहद जरूरी है क्योंकि यह न केवल बीमारी की गंभीरता को समझने, बल्कि शुरुआती पहचान, सही इलाज, और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने में मदद करती है। जागरूकता अभियान लोगों को मिथकों से बचाते हैं, स्क्रीनिंग के प्रति प्रेरित करते हैं और नई उपचार तकनीकों की जानकारी देते हैं। इस तरह, होम्योपैथी और कैंसर जागरूकता दोनों मिलकर न केवल रोगियों बल्कि पूरे समाज को एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने में मदद करते हैं।“
पुरुषों में होने वाले कैंसर के बारे में बात करते हुए डॉ द्विवेदी बताते हैं कि, “पुरुषों में सबसे अधिक पाए जाने वाले कैंसर में प्रोस्टेट कैंसर, फेफड़ों का कैंसर, कोलोरेक्टल कैंसर, त्वचा का कैंसर (मेलानोमा), अंडकोष का कैंसर, मूत्राशय का कैंसर और जिगर का कैंसर शामिल हैं। प्रत्येक प्रकार के कैंसर के लक्षण, बचाव और इलाज के तरीके अलग-अलग होते हैं। उदाहरण के लिए, प्रोस्टेट कैंसर के लक्षणों में बार-बार पेशाब आना, पेशाब की धारा कमजोर होना और पेल्विक एरिया में असहजता शामिल हैं। इसे रोकने के लिए स्वस्थ वजन बनाए रखना, संतुलित आहार लेना और नियमित स्क्रीनिंग करवाना जरूरी है। इसी तरह, फेफड़ों के कैंसर का मुख्य कारण धूम्रपान है, जिससे बचाव के लिए धूम्रपान और प्रदूषण से बचाव करना अनिवार्य है। कोलोरेक्टल कैंसर के लक्षणों में मल में खून आना और पेट दर्द शामिल हैं, जबकि त्वचा के कैंसर में तिल का रंग बदलना या नए तिल का बनना प्रमुख लक्षण है। अंडकोष के कैंसर में सूजन या दर्द महसूस हो सकता है, और मूत्राशय के कैंसर में पेशाब में खून आना या जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। जिगर के कैंसर के लक्षणों में पेट दर्द और पीलिया शामिल हैं।“
आगे डॉ द्विवेदी बताते हैं कि, “इन सभी प्रकार के कैंसर से बचने के लिए कुछ सामान्य उपाय अपनाए जा सकते हैं, जैसे संतुलित आहार लेना, नियमित व्यायाम करना, धूम्रपान और शराब से दूर रहना, समय-समय पर स्वास्थ्य जांच करवाना और आवश्यक टीकाकरण लेना। सही जागरूकता और समय पर इलाज से कैंसर की गंभीरता को कम किया जा सकता है, और एक स्वस्थ जीवन जिया जा सकता है। आज भी कई लोग बीमारी के डर से जांच कराने से बचते हैं, जिससे बीमारी और गंभीर हो जाती है। यह समझना जरूरी है कि समय पर जांच से न केवल बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है, बल्कि सही समय पर उपचार से जीवन भी बचाया जा सकता है। किसी को भी अपने स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहना चाहिए और किसी भी असामान्य लक्षण को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। कैंसर से लड़ाई में जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है।“
आगे डॉ. द्विवेदी बताते हैं कि, डॉ द्विवेदी एवं आयुष मेडिकल वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा4 फ़रवरी कैंसर जागरूकता दिवस से 4 मार्च अप्लास्टिक एनीमिया जागरूकता दिवस तक विशेष अभियान चलाया जाएगा जिसमें लोगों को कैंसर तथा अप्लास्टिक एनीमिया के बारे में जानकारी दी जाएगी साथ ही क्या खाना चाहिए क्या नहीं खाना चाहिए यह भी समझाया जाएगा और जांच के महत्व के बारे में भी बताया जाएगा साथ ही होम्योपैथी चिकित्सा इन बीमारियों के इलाज में कैसे सहयोगी है यह भी बताया जाएगा*
क्या है इस साल की थीम
“United by Unique”
“United by Unique” का हिंदी में अर्थ है – “अनोखेपन से एकता” या “विशेषताओं द्वारा एकजुट”। यह थीम कैंसर के संदर्भ में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हर व्यक्ति की अलग-अलग परिस्थितियों और अनुभवों के बावजूद, एकजुट होकर इस बीमारी के खिलाफ संघर्ष करने की प्रेरणा देती है।
कैंसर से जूझ रहे प्रत्येक व्यक्ति की यात्रा अनूठी होती है, उनका उपचार तरीका, शारीरिक प्रतिक्रिया और संघर्ष की स्थिति भिन्न हो सकती है, लेकिन अंततः सभी का उद्देश्य एक ही होता है—कैंसर से जीत प्राप्त करना और जीवन को बचाना। “United by Unique” का संदेश यह है कि हम भले ही अलग-अलग हों, लेकिन एकजुट होकर इस बीमारी के खिलाफ लड़ सकते हैं।
इसके अलावा, इस थीम का अर्थ यह भी है कि कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने, सही उपचार का प्रचार करने और मानसिक रूप से मजबूत रहने के लिए समाज का सहयोग बहुत महत्वपूर्ण है। अगर हम सभी एकजुट होकर कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाएं और एक-दूसरे की मदद करें, तो हम इस बीमारी को हराने में सक्षम हो सकते हैं।
कैंसर के इलाज में अनुसंधान और चिकित्सा क्षेत्र में एकता की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। जब दुनिया भर के विशेषज्ञ और वैज्ञानिक मिलकर इस दिशा में काम करेंगे, तो कैंसर का इलाज और अधिक प्रभावी हो सकता है।
अंततः, “United by Unique” यह सिखाता है कि चाहे हम सबका संघर्ष अलग हो, लेकिन हम एक साथ होकर इस खतरनाक बीमारी का सामना कर सकते हैं। यही एकता और सहयोग, कैंसर से लड़ने की हमारी सबसे बड़ी ताकत है।
“हम अलग अलग हैं, लेकिन हमारा उद्देश्य एक है – कैंसर मुक्त संसार!”