एमपी में सियासी हलचल हुई तेज, निगम-मंडलों में नियुक्तियों की सुगबुगाहट के बीच सीएम मोहन यादव का दिल्ली दौरा

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By Raj RathorePublished On: December 22, 2025
Mohan Yadav Delhi Visit

मध्य प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। राज्य में लंबे समय से लंबित निगम और मंडलों में राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। इसी बीच मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के अचानक दिल्ली दौरे ने इन चर्चाओं को और हवा दे दी है। राजनीतिक गलियारों में माना जा रहा है कि नियुक्तियों की सूची को अंतिम रूप देने के लिए यह दौरा बेहद अहम है।

सीएम मोहन यादव ने नई दिल्ली पहुंचकर भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की है। उन्होंने भाजपा के नवनियुक्त राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नवीन से भेंट की। इस दौरान सीएम ने उन्हें नई जिम्मेदारी मिलने पर बधाई दी और गुलदस्ता भेंट किया। सूत्रों के मुताबिक, दोनों नेताओं के बीच प्रदेश के मौजूदा राजनीतिक हालात और संगठनात्मक विषयों पर भी चर्चा हुई।

सूची पर मंथन

प्रदेश में कई निगम और मंडलों में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद खाली हैं। पार्टी के कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता इन पदों पर नियुक्ति की आस लगाए बैठे हैं। चर्चा है कि प्रदेश स्तर पर कुछ नामों को शॉर्टलिस्ट किया जा चुका है, लेकिन अंतिम मुहर दिल्ली दरबार से ही लगनी है। सीएम के इस दौरे को इसी कवायद से जोड़कर देखा जा रहा है।

केंद्रीय मंत्रियों से भी मिले सीएम

अपने दिल्ली प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री ने केवल संगठन के नेताओं से ही नहीं, बल्कि सरकार के प्रमुख मंत्रियों से भी मुलाकात की। उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात की। इसके अलावा, सीएम यादव ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से भी भेंट की। इन मुलाकातों को राज्य के विकास कार्यों और केंद्र से मिलने वाली मदद के लिहाज से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

दावेदारों की धड़कनें तेज

मुख्यमंत्री के दिल्ली पहुंचते ही भोपाल में लॉबिंग का दौर भी शुरू हो गया है। जिन नेताओं को उम्मीद है कि उन्हें निगम-मंडलों में जगह मिल सकती है, उनकी निगाहें अब दिल्ली से आने वाले फैसले पर टिकी हैं। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद से ही इन नियुक्तियों की प्रतीक्षा की जा रही थी, और अब जल्द ही सूची जारी हो सकती है।

उल्लेखनीय है कि सीएम मोहन यादव इससे पहले भी कई बार दिल्ली जाकर शीर्ष नेतृत्व से मिल चुके हैं, लेकिन इस बार का दौरा खास तौर पर संगठनात्मक नियुक्तियों के लिहाज से निर्णायक माना जा रहा है।