सीधी की घटना पर सरकार की सख्त कार्यवाही, निरीक्षक और आरक्षक किए गए लाइन अटैच

diksha
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सीधी जिले में पत्रकारों और रंगकर्मियों के साथ स्थानीय पुलिस द्वारा किए गए दुर्व्यवहार और उनके आपत्तिजनक फोटो वायरल करने के मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संज्ञान लेते हुए भोपाल पुलिस मुख्यालय से स्पष्टीकरण मांगा था और दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. जिसके चलते जिम्मेदार निरीक्षक और आरक्षक को निलंबित कर लाइन अटैच करने के आदेश दे दिए गए हैं.

पुलिस अधीक्षक सीधी द्वारा थाना प्रभारी कोतवाली निरीक्षक मनोज सोनी और तत्कालीन समय पर थाना कोतवाली में उपस्थित उप निरीक्षक अभिषेक सिंह परिहार थाना प्रभारी अमिलिया को अगले आदेश तक के लिए रक्षित केंद्र जिला सीधी में सम्बंध कर दिया गया है.

यह है पूरा मामला

मध्यप्रदेश के सीधी में पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आया है या यह कहें कि यहां की पुलिस ने जो हरकत की है वह तालिबान जैसी ही है. एक तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है, इस तस्वीर में 10 से ज्यादा युवक अर्धनग्न अवस्था में खड़े हुए दिख रहे हैं. यह तस्वीर थाने की है और खड़े हुए युवकों में से कुछ पत्रकार हैं और कुछ रंगमंच के कलाकार हैं.

बता दें कि पूरा मामला इंद्रावती नाट्य संस्थान के संचालक नीरज कुंदेर से जुड़ा है. नीरज और उनके साथियों पर फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर किसी व्यक्ति का नाम बदनाम करने का आरोप लगाते हुए सीधी पुलिस द्वारा उन्हें गिरफ्तार किया गया है. आरोप है कि अनुराग मिश्रा के नाम से फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर सीधी के बीजेपी विधायक केदारनाथ शुक्ला और उनके बेटे गुरुदत्त शरण शुक्ल के खिलाफ आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट की गई है. जब इस फर्जी फेसबुक आईडी के बारे में जानकारी निकाली गई तब यह सामने आया कि यह फेक आईडी नीरज द्वारा संचालित हो रही है. यह पता लगते ही कोतवाली थाना पुलिस ने नीरज पर साइबर एक्ट की धारा 420 और कुछ अन्य संगीन धारा के तहत केस दर्ज करते हुए उन्हें और उनके कुछ साथियों को गिरफ्तार कर लिया.

नीरज पर लगाए गए आरोप के विरोध में इंद्रावती नाट्य संस्थान के कलाकार धरने पर बैठ गए और मांग की गई की फेसबुक की वह रिपोर्ट बताएं जिसके आधार पर नीरज को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस और कलाकारों के बीच चल रही बहसबाजी अचानक से ही बढ़ गई और घटना को कवर करने के लिए कुछ पत्रकार भी वहां पहुंच गए. धरने पर बैठे कलाकारों ने नारेबाजी शुरू कर दी और यह देखकर पुलिस ने धरना दे रहे लोगों पर लाठीचार्ज कर उन्हें गिरफ्तार करना शुरू कर दिया.

लाठी चार्ज करने के बाद भी जब पुलिस का मन नहीं भरा तो उन्होंने गिरफ्तार किए गए सभी लोगों को एक लाइन में खड़ा कर उनके साथ जमकर मारपीट की और फिर उनके कपड़े उतरवाकर अर्धनग्न अवस्था में उनके फोटो खींच कर सोशल मीडिया पर जारी कर दिए. इस तरह का बदलाव प्रशासन की कार्यप्रणाली पर कई सारे सवाल खड़े कर रहा है.

वही जानकारी यह भी है कि जिस फर्जी फेसबुक आईडी को ऑपरेट करने के आरोप में नीरज को जेल में डाला गया है. उस आईडी से 6 अप्रैल को भी केदारनाथ और उनके बेटे के खिलाफ एक पोस्ट जारी हुई है. जबकि नीरज को 4 अप्रैल को ही पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है, अगर वह जेल में है तो फिर इस फेसबुक आईडी को ऑपरेट कौन कर रहा है यह एक बड़ा सवाल है.