Covid -19 वैक्सीन के कारण हुई मौतों के लिए सरकार जिम्मेदार नहीं, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दिया जवाब

mukti_gupta
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केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करते हुए कहा है कि कोविड वैक्सीन के कारण हुई मौतों के लिए सरकार को उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता। उसने कहा कि ऐसे मामलों में एकमात्र समाधान सिविल कोर्ट में याचिका दायर कर वैक्सीन निर्माता कंपनी से मुआवजा मांगना है और इसके लिए पर्याप्त कानूनी प्रावधान मौजूद हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले हफ्ते दाखिल किए गए अपने हलफनामे में कहा कि मृतकों और परिजनों के प्रति उनकी संवेदनाएं है, लेकिन टीके के किसी भी प्रतिकूल प्रभाव के लिए सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। केंद्र ने इस बात पर भी जोर दिया कि कोविड-19 के टीके लगवाने को लेकर कोई भी कानूनी बाध्यता नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट में जिन माता-पिता ने याचिका दायर की है, उनकी बेटियों की पिछले साल मौत हुई थी। पहली याचिकाकर्ता रचना गंगू की बेटी को पिछले साल 29 मई को कोविशील्ड वैक्सीन की पहली खुराक लगी थी और और एक महीने के अंदर 19 जून को उसकी मौत हो गई। दूसरे याचिकाकर्ता वेणुगोपालन गोविंदन की बेटी को 18 जून, 2021 को कोविशील्ड की पहली खुराक लगी थी और 10 जुलाई को खून के थक्के जमने से उसकी मौत हो गई।

बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने मुआवजे की मांग को लेकर दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया है। मंत्रालय ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति एइएफआइ से शारीरिक चोट या मौत का शिकार होता है, तो टीके लाभार्थियों या उनका परिवार लापरवाही, दुर्भावना या गलत व्यवहार के लिए मुआवजे के दावे के लिए अदालतों में जा सकता है।

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केंद्र ने याचिकाकर्ता को दिए जवाब

याचिकाकर्ताओं ने 14 और 16 जुलाई, 2021 को प्रधानमंत्री कार्यालय को अलग-अलग पत्र भी भेजे थे। उनका दावा है कि उन्हें इनका कोई जवाब नहीं मिला। सरकार का कहना है कि दिसंबर, 2021 और मार्च, 2022 में उनके पत्रों का जवाब दिया जा चुका है। वहीं याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता की पहली 18 वर्षीय बेटी को मई 2021 में कोविशील्ड की पहली खुराक मिली और जून 2021 में उसकी मौत हो गई। दूसरी 20 वर्षीय बेटी को कोविशील्ड की पहली खुराक जून 2021 में मिली और जुलाई 2021 में उसकी मौत हो गई।