केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आ रही है। 2025-26 में नए साल में उन्हें एक और बड़ा तोहफा मिल सकता है, क्योंकि खबर है कि 8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद कर्मचारियों के फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी हो सकती है। इस बदलाव के तहत उनके मूल वेतन में 6000 से 8000 रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है। जेसीएम (जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी) के सचिव, शिव गोपाल मिश्रा ने इस बदलाव के संकेत दिए हैं और यह बदलाव कर्मचारियों के लिए एक बड़ा राहत हो सकता है।
फिटमेंट फैक्टर: क्या है और क्यों है इसका महत्व?
फिटमेंट फैक्टर वह मानक है, जिसके आधार पर कर्मचारियों का मूल वेतन निर्धारित किया जाता है। इसे बढ़ाने से कर्मचारियों का वेतन बढ़ता है। फिलहाल, केंद्रीय कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर 2.57 है, और इसके आधार पर उनकी सैलरी में बढ़ोतरी होती है। यदि इसे बढ़ाकर 2.86 कर दिया जाता है, तो कर्मचारियों को महत्वपूर्ण वित्तीय लाभ मिल सकता है। फिटमेंट फैक्टर का पुनरीक्षण हर 10 साल में एक बार किया जाता है, और यह केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है।
8वें वेतन आयोग में क्या हो सकता है बदलाव?
7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिसने कर्मचारियों की सैलरी में 14-16% तक की वृद्धि की थी। अब 8वें वेतन आयोग के गठन के बाद, जेसीएम ने फिटमेंट फैक्टर को 2.86 करने पर विचार करने का संकेत दिया है। यदि यह बढ़ोतरी लागू होती है, तो कर्मचारियों की सैलरी में काफी बढ़ोतरी होगी, और यह उनके लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय सुधार साबित हो सकता है। कुछ कर्मचारी संघों ने फिटमेंट फैक्टर को 3.68 तक बढ़ाने की भी मांग की है, लेकिन फिलहाल 2.86 का प्रस्ताव अधिक चर्चा में है।
सैलरी में बढ़ोतरी
फिटमेंट फैक्टर के बढ़ने से केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में कितनी बढ़ोतरी हो सकती है, इसे हम एक उदाहरण से समझ सकते हैं। अगर किसी केंद्रीय कर्मचारी का मौजूदा मूल वेतन 20,000 रुपये है:
7वें वेतन आयोग के तहत: 20,000 रुपये x 2.57 (फिटमेंट फैक्टर) = 51,400 रुपये
8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर बढ़ाकर 2.86 किया जाता है: 20,000 रुपये x 2.86 = 57,200 रुपये
इससे स्पष्ट है कि फिटमेंट फैक्टर बढ़ने से कर्मचारियों की सैलरी में लगभग 5,800 रुपये की बढ़ोतरी हो सकती है, जो कि एक महत्वपूर्ण परिवर्तन होगा।
क्यों बढ़ रही है फिटमेंट फैक्टर में सुधार की मांग?
केंद्रीय कर्मचारियों की फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी की मांग का मुख्य कारण यह है कि यह उनके मूल वेतन को निर्धारित करने का अहम तरीका है। फिटमेंट फैक्टर के बढ़ने से कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि होती है और उनका जीवन स्तर बेहतर होता है। वर्तमान में महंगाई और अन्य वित्तीय दबावों के कारण कर्मचारी इसे बढ़ाने की लगातार मांग कर रहे हैं। यही कारण है कि 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाने की उम्मीद जताई जा रही है।
कुल मिलाकर क्या बदलाव हो सकते हैं?
अगर 8वें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर को 2.86 तक बढ़ा दिया जाता है, तो केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी और रिटायर कर्मचारियों की पेंशन में बड़ी बढ़ोतरी हो सकती है। इससे कर्मचारियों को बेहतर वेतन मिलेगा, जो उनके जीवनस्तर को सुधारने में मदद करेगा। साथ ही, यह कर्मचारियों के वित्तीय सुरक्षा में भी सुधार कर सकता है। 7वें वेतन आयोग की तुलना में 8वें वेतन आयोग में यह बदलाव एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।