Gold-Silver Rate: हाल के दिनों में सोने और चांदी की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिली है। वैश्विक घटनाओं और देश के हालात के चलते ये कीमती धातुएं महंगी होती जा रही हैं। 19 अक्टूबर को दिवाली की पूर्व संध्या पर सोने की कीमतों में एक बार फिर वृद्धि हुई है, जिससे यह संभावना जताई जा रही है कि दिवाली से पहले सोने की कीमत 80,000 रुपये तक पहुंच सकती है।
सोने की कीमतों में लगातार वृद्धि
पिछले दो दिनों में सोने की कीमत में निरंतर बढ़ोतरी देखी गई है। वर्तमान में, सोने की कीमत 79,400 रुपये प्रति तोला तक पहुंच गई है। यदि अगले कुछ दिनों में यह रुझान जारी रहा, तो सोने की कीमत 80,000 रुपये से अधिक जाने की आशंका है। इस वृद्धि के पीछे कई कारक हैं, लेकिन मध्य पूर्व की भूराजनीतिक स्थिति प्रमुख कारणों में से एक है।
मूल्य वृद्धि के प्रमुख कारण
वर्तमान में मध्य पूर्व, विशेष रूप से खाड़ी क्षेत्र में तनाव बढ़ा हुआ है। इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते संघर्ष और हमास के खिलाफ इजराइल की सक्रियता ने वैश्विक बाजारों को प्रभावित किया है। यदि यह स्थिति बनी रही, तो कच्चे ईंधन की कीमतों में भी वृद्धि हो सकती है, जिससे सोने और चांदी जैसी कीमती धातुओं की कीमतें और बढ़ सकती हैं।
सोने-चांदी की कीमतों का निर्धारण
सोने की कीमतों में वृद्धि का एक इतिहास रहा है। उदाहरण के लिए, 1 अप्रैल 2014 को सोने की कीमत 1300 डॉलर प्रति औंस थी, जो 1 अप्रैल 2024 तक बढ़कर 2260 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गई। सोने और चांदी की कीमतें भारतीय बुलियन एंड ज्वेलरी असोसिएशन (IBJA) द्वारा तय की जाती हैं। इस दर में जीएसटी और हैंडलिंग शुल्क शामिल नहीं होते, जिससे आपके शहर में सोने की कीमत 1000 से 2000 रुपये तक कम या ज्यादा हो सकती है।