कांग्रेस के चुनावी मैनिफेस्टो के बाद इस पर बहस शुरू हो गयी है। देश में हर तरफ उनके घोषणा पत्र की चर्चा हो रही है। बीतें कुछ दिनों से बीजेपी के कई दिग्गज नेताओं ने इस पर सवाल उठाए है। इसमें पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल है। इसी बीच आज पूर्व कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने भी इस पर सवाल उठाए है।
‘यह जिन्ना का घोषणापत्र लगता है’
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को पाकिस्तान के रावलपिंडी से चुनाव लड़ना चाहिए। अब कांग्रेस में न कोई नियत बची है, न कोई नीति बची है और न ही कोई नेता बचा है। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस के घोषणापत्र को देखकर ऐसा लगता है कि यह महात्मा गांधी की नहीं बल्कि मोहम्मद अली जिन्ना की कांग्रेस है और कांग्रेस का यह घोषणापत्र मल्लिकार्जुन खड़गे का नहीं बल्कि जिन्ना का घोषणापत्र लगता है।
‘BJP ने ब्रिटिश और मुस्लिम लीग का समर्थन किया’
हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने लिखा है कि मोदी और अमित शाह के राजनीतिक और वैचारिक पूर्वजों ने स्वतंत्रता आंदोलन में भारतीयों के खिलाफ ब्रिटिश और मुस्लिम लीग का समर्थन किया था। आज भी वह आम भारतीयों के योगदान से बने ‘कांग्रेस न्याय पत्र’ के ख़िलाफ़ मुस्लिम लीग का समर्थन कर रहे हैं। मोदी और शाह के पूर्वजों ने 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी के आह्वान और मौलाना आजाद के नेतृत्व वाले आंदोलन का विरोध किया था। सभी जानते हैं कि आपके पूर्वजों ने 1940 में मुस्लिम लीग के साथ बंगाल, सिंध और एनडब्ल्यूएफपी में अपनी सरकारें बनाई थीं।