यह पहली बार है जब देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में मंकीपॉक्स (Monkeypox) का कोई मरीज मिला है। जानकारी के अनुसार दिल्ली में पाए गए मंकीपॉक्स के इस पहले मरीज की कोई विदेश की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। मरीज पर इस गंभीर बिमारी का प्रभाव किस प्रकार से हुआ यह चिकित्सीय जांच का विषय है, इसके साथ ही भविष्य में मरीजों की संख्या बढ़ने और किसी गंभीर परिस्थिति के निर्मित होने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।
इससे पहले केरल में मिले थे दो मामले
गौरतलब है कि 14 जुलाई को केरल में मंकीपॉक्स का पहला मरीज सामने आया था। इसकी पुष्टि खुद केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के द्वारा की गई थी। जानकारी के अनुसार उक्त मंकीपॉक्स का मरीज यूएई से लौटा था, जिसमें बिमारी के लक्षण दिखाई देने पर केरल के एक अस्पताल में उसे भर्ती कराया गया था। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे में जाँच के दौरान उक्त मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। वहीं दूसरा मामला पहले मरीज के ठीक चार दिन बाद 18 जुलाई को सामने आया।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा
विश्व के अलग-अलग देशों में तीव्र गति से फैल रहे मंकीपॉक्स को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के द्वारा शनिवार को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा कर दी गई है। WHO के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने इसपर वैश्विक स्तर पर गंभीर चिंता जताई है