अगले 24 घंटों में इन 18 जिलों में होगी भारी बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

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By Pinal PatidarPublished On: October 14, 2025

करीब 3 महीने 28 दिन तक सक्रिय रहने के बाद आखिरकार मध्य प्रदेश से मानसून ने पूरी तरह अलविदा कह दिया है। सोमवार को राज्य के आखिरी हिस्सों सिंगरौली, सीधी, शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला, बालाघाट, जबलपुर, छिंदवाड़ा और पांढुर्णा से भी मानसून की विदाई हो गई। इस साल 16 जून को प्रदेश में मानसून ने एंट्री ली थी और अब अक्टूबर के मध्य में लौट गया। यानी लगभग चार महीनों तक बारिश का सिलसिला चला, जिसने कभी राहत दी तो कभी परेशानी भी बढ़ाई।

विदाई के बाद भी रहेगा बारिश का असर


हालांकि, मानसून के लौट जाने के बावजूद आसमान में बादलों की मौजूदगी बनी रहेगी। मौसम विभाग के मुताबिक मंगलवार को किसी भी जिले में बारिश का अलर्ट नहीं है, लेकिन 15 और 16 अक्टूबर को दक्षिणी मध्य प्रदेश में गरज-चमक के साथ हल्की बारिश हो सकती है। सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन का कहना है कि दक्षिणी इलाकों में यह हल्की बूंदाबांदी का दौर कुछ दिन और जारी रह सकता है।

तीन चरणों में हुई मानसून की विदाई

इस बार मानसून की विदाई एक साथ नहीं, बल्कि तीन चरणों में हुई। पहले चरण में 12 जिलों से मानसून लौटा, दूसरे चरण में करीब 35 जिलों से रवानगी हुई और अंतिम चरण में सोमवार को पूरे प्रदेश से मानसून की पूरी तरह विदाई हो गई। यह क्रमिक विदाई इस बात का संकेत है कि इस बार प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में बारिश का असर अलग-अलग समय तक रहा।

हवा बदली, रातें ठंडी हुईं

मानसून के बाद अब प्रदेश में मौसम ने करवट ले ली है। उत्तर की ओर से ठंडी हवाएं चलने लगी हैं, जिससे रात के तापमान में तेजी से गिरावट आई है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पहाड़ों में हो रही बर्फबारी का असर अब मध्य प्रदेश तक महसूस होने लगा है। रविवार और सोमवार की रात में कई शहरों में न्यूनतम तापमान 20 डिग्री से नीचे चला गया। इंदौर और राजगढ़ में 14.6°, भोपाल में 15.8°, उज्जैन में 17.3°, जबलपुर में 18.5° और ग्वालियर में 21.3° दर्ज किया गया। इसी तरह बैतूल, धार, गुना, नर्मदापुरम, खंडवा, खरगोन, पचमढ़ी और रतलाम में भी तापमान 16 से 18 डिग्री के बीच रहा।

गुना बना बारिश का ‘चैंपियन जिला’

अगर इस मानसूनी सीजन की बात करें तो गुना जिला सबसे ज्यादा बारिश वाला जिला रहा, जहां 65.6 इंच पानी दर्ज किया गया। मंडला और रायसेन में भी 62 इंच से अधिक वर्षा हुई, जबकि श्योपुर और अशोकनगर ने 56 इंच से ज्यादा बारिश दर्ज की। वहीं दूसरी ओर, शाजापुर, खरगोन, खंडवा, बड़वानी और धार जैसे जिले सबसे कम बारिश पाने वालों में रहे। शाजापुर में सिर्फ 28.9 इंच, खरगोन में 29.6, खंडवा में 32, बड़वानी में 33.5 और धार में 33.6 इंच बारिश दर्ज की गई।

इंदौर संभाग में देर से आई राहत

इस बार की बारिश की शुरुआत में इंदौर और उज्जैन संभाग सबसे सूखे इलाकों में गिने जा रहे थे। सितंबर तक सवाल उठने लगे थे कि क्या इस बार इंदौर में सामान्य बारिश होगी भी या नहीं? लेकिन महीने के आखिर में हुई लगातार तेज बारिश ने तस्वीर पलट दी। इंदौर में सामान्य से अधिक बारिश हो गई और आसपास के जिलों में भी हालात सुधर गए। हालांकि, उज्जैन जिले में कोटा पूरा नहीं हो पाया और वह कम बारिश वाले जिलों में शामिल रहा।

पूर्वी और उत्तरी संभागों में मानसून ने दिखाया असली दम

मानसून के पूरे सीजन में जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभाग सबसे ज्यादा प्रभावित रहे। यहां लगातार सक्रिय रहे स्ट्रॉन्ग सिस्टम्स के कारण कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति बनी। छतरपुर, मंडला, टीकमगढ़ और उमरिया जैसे इलाकों में भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ। दूसरी तरफ, ग्वालियर और चंबल संभागों में भी मानसून ने खूब मेहरबानी दिखाई। ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना, दतिया और श्योपुर सभी जिलों में कोटे से ज्यादा बारिश दर्ज की गई।

अब मौसम में ठंड का एहसास बढ़ेगा

मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि अब अगले हफ्ते से प्रदेश में ठंड का असर और बढ़ने लगेगा। दिन के तापमान में मामूली गिरावट के साथ रातें और सुहानी होंगी। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से मध्य प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में हल्की सर्दी का दौर शुरू हो जाएगा, जो नवंबर तक बढ़ेगा। यानी अब बारिश की विदाई के साथ ही सर्दी के मौसम का स्वागत करने का वक्त आ गया है।