इस राज्य के सरकारी कर्मचारियों-पेंशनधारकों की मौज, DA में 3 फीसदी का इजाफा, जनवरी से खाते में आएगी इतनी सैलरी

Meghraj
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गुजरात सरकार ने अपने लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। राज्य सरकार ने महंगाई भत्ता (Dearness Allowance – DA) में 3% की बढ़ोतरी करने की घोषणा की है। इस बढ़ोतरी का फायदा लगभग 9 लाख सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारकों को मिलेगा। महंगाई भत्ते की यह वृद्धि अब सरकारी कर्मचारियों के मूल वेतन का 50% से बढ़कर 53% हो जाएगी।

कब से मिलेगा लाभ ?

यह बढ़ोतरी 1 जुलाई 2024 से प्रभावी होगी, जिसका मतलब है कि कर्मचारियों और पेंशनधारकों को इस वृद्धि का लाभ पुरानी तारीख से मिलेगा। वित्त विभाग के अनुसार, यह फैसला गुजरात राज्य सेवा (वेतन संशोधन) नियम, 2016 के तहत लिया गया है। जुलाई से लेकर नवंबर 2024 तक का महंगाई भत्ता (DA) बढ़ा हुआ होने के बावजूद, इसका बकाया भुगतान दिसंबर 2024 के वेतन और पेंशन के साथ जनवरी 2025 में किया जाएगा।

किसे मिलेगा लाभ?

इस महंगाई भत्ता वृद्धि का लाभ गुजरात सरकार और पंचायतों के सभी कर्मचारी, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारी, और सहायता प्राप्त गैर-सरकारी स्कूलों के कर्मचारी उठाएंगे। ये वे कर्मचारी हैं जो सातवें वेतन आयोग के तहत आते हैं। इस वृद्धि का फायदा प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों और पंचायतों में प्रतिनियुक्ति या स्थानांतरण पर काम करने वाले कर्मचारियों को भी मिलेगा, बशर्ते उनके वेतन में आयोग के मुताबिक संशोधन किया जाएगा।

गुजरात सरकार ने इस निर्णय को कर्मचारियों और पेंशनधारकों के कल्याण के लिए लिया है। सरकार का कहना है कि महंगाई भत्ता (DA) में यह वृद्धि कर्मचारियों की क्रय शक्ति को बढ़ाएगी और उनके जीवन स्तर को सुधारने में मदद करेगी। इस वृद्धि से कर्मचारियों को बढ़ती महंगाई के दौर में थोड़ी राहत मिलेगी, जिससे उनका जीवन बेहतर हो सकेगा। हालांकि, इस फैसले से राज्य सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय दबाव पड़ेगा, क्योंकि महंगाई भत्ते में 3% की वृद्धि से सरकारी खजाने पर असर पड़ेगा। फिर भी सरकार ने यह कदम कर्मचारियों और पेंशनधारकों के कल्याण के लिए उठाया है और माना है कि यह कदम वित्तीय दबाव के बावजूद आवश्यक था।

अन्य राज्यों पर इस फैसले का क्या प्रभाव पड़ेगा?

गुजरात सरकार का यह निर्णय अन्य राज्यों को भी प्रभावित कर सकता है। अक्सर देखा जाता है कि एक राज्य में महंगाई भत्ते में वृद्धि के बाद अन्य राज्य भी इसी तरह के फैसले लेते हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या अन्य राज्य भी इस फैसले के आधार पर अपनी नीतियों में बदलाव करते हैं।