देश की पहली बुलेट ट्रेन का सपना हो रहा साकार, पीएम मोदी ने सूरत स्टेशन पर लिया प्रोजेक्ट का जायजा, 2026 में ट्रायल रन संभावित

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By Pinal PatidarPublished On: November 17, 2025

शनिवार का दिन मुंबई–अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए बेहद खास रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं रेलवे स्टेशन पहुंचे और पूरे प्रोजेक्ट की प्रगति का बारीकी से निरीक्षण किया। स्टेशन के निरीक्षण के बाद वे विशेष ट्रैक मशीन में बैठकर कॉरिडोर के एक बड़े हिस्से से गुज़रे और निर्माण कार्य की स्थिति का प्रत्यक्ष जायजा लिया। यह दौरा लगभग 35 मिनट तक चला, जिसमें उन्होंने प्रोजेक्ट से जुड़े इंजीनियरों, कर्मचारियों और अधिकारियों से बातचीत की। पीएम मोदी ने साइट कर्मचारियों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि वे अपने अनुभवों को इस भावना के साथ दर्ज करें कि वे सिर्फ एक प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि भारत के भविष्य को आकार दे रहे हैं। यात्रा के बाद NHSRCL ने प्रधानमंत्री के निरीक्षण की आधिकारिक तस्वीरें और विस्तृत जानकारी साझा की, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल भी हो गई।

घोषणा से लेकर आज तक, बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की प्रगति



भारत की पहली बुलेट ट्रेन का सपना प्रधानमंत्री मोदी ने 2015 में राष्ट्र के सामने रखा था। इसके बाद 14 सितंबर 2017 को इस महत्वाकांक्षी परियोजना की नींव रखी गई। 508 किमी लंबा यह हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर भारत की सबसे बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में से एक है। NHSRCL की ताज़ा रिपोर्ट बताती है कि अब तक लगभग 378 किलोमीटर पियर वर्क पूरा हो चुका है और कुल कार्य का करीब 75% हिस्सा तैयार हो चुका है। इस कॉरिडोर में विभिन्न नदियों पर कुल 24 पुल बनाए जाने हैं, जिनमें से 14 पूरी तरह बनकर तैयार हो चुके हैं। वहीं नर्मदा नदी पर बन रहा 1.4 किमी लंबा विशाल पुल अंतिम चरण में है। यदि सब कुछ तय समयसीमा पर चलता रहा, तो 2026 के अंत तक पहला ट्रायल रन भी संभव हो सकेगा। यह भी खास है कि इस पूरी ट्रेन प्रणाली में पहली बार अर्थक्वेक वॉर्निंग सिस्टम लगाया जा रहा है, जो सुरक्षा मानकों को नई ऊंचाई देगा।

गुजरात सेक्शन का काम सबसे तेज

मुंबई–अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर का सबसे बड़ा हिस्सा गुजरात से होकर गुजरता है, और यहीं निर्माण भी सबसे तेज़ गति से चल रहा है। गुजरात क्षेत्र में 348 किमी लंबे कॉरिडोर में से काफी भाग लगभग तैयार हो चुका है। इसके अलावा दादरा और नगर हवेली के 4.3 किमी हिस्से का निर्माण भी लगभग पूरा हो चुका है। गुजरात में 272 किलोमीटर वायाडक्ट यानी ऊंचे पुलनुमा सेक्शन का निर्माण पूरा हो चुका है। 24 पुलों में से 14 बन चुके हैं, जबकि किम, पार और पूर्णा नदियों पर बने पुलों पर ट्रैक बिछाने की तैयारियां चल रही हैं। तापी और माही नदी के पुलों पर भी तेजी से काम हो रहा है। राज्य में ढाई सौ मीटर लंबी एकमात्र सुरंग भी पूरी कर ली गई है। सूरत और बिलिमोरा के बीच रेल पटरियां बिछाने का काम अब फास्ट ट्रैक पर है, जिससे इस रूट पर जल्द ही ट्रायल की संभावना और मजबूत हुई है।

जापान से आई सुपर-लॉन्ग रेल पटरियां

बुलेट ट्रेन की क्षमता और स्पीड को ध्यान में रखते हुए विशेष तकनीक से बनी 25 मीटर लंबी रेल पटरियां सीधे जापान से मंगाई जा रही हैं। इन पटरियों को एक उन्नत फ्लैश बट वेल्डिंग मशीन की मदद से जोड़कर 200 मीटर लंबे रेल पैनल तैयार किए जा रहे हैं। NHSRCL के मुताबिक अब तक ऐसे 298 पैनल तैयार हो चुके हैं, जो लगभग 60 किलोमीटर ट्रैक के बराबर हैं। इन पैनलों को कॉरिडोर के ट्रैक स्लैब पर लगातार फिक्स किया जा रहा है। आने वाले महीनों में इस काम की रफ्तार और बढ़ेगी, जिससे ट्रायल रन के लिए ट्रैक कार्य समय पर पूरा हो सके।