चंडीगढ़। सरकार के खिलाफ किसानो के द्वारा हो रहे प्रदर्शन अब लड़ाई में बदलने जा रही है। दरअसल, केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में सिंघु बार्डर पर डटे किसानों ने सरकार से आरपार की लड़ाई का ऐलान किया। किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि, किसानों के साथ मन की बात करने की बजाय किसानों की मन की बात भी सुनें। जब तक सरकार बिना शर्त किसानों से बातचीत नहीं करती है जब तक किसानों की मोर्चाबंदी जारी रहेगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बुराड़ी बुलावे को नामंजूर करते हुए किसानों ने स्पष्ट किया वे निर्णायक लड़ाई के लिए दिल्ली जाएंगे।
वहीं किसानों के समर्थन में पशुधन विकास बोर्ड के चेयरमैन एवं दादरी से निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान ने चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया। हरियाणा में कानून व्यवस्था का जिम्मा संभाल रहे गृह मंत्री अनिल विज को गांव पंजोखरा में विरोध का सामना करना पड़ा। साथ ही लोगों ने विज का विरोध करने के साथ उन्हें काली झंडियां भी दिखाई। सिंघू बार्डर पर आयोजित प्रेसवार्ता में संयुक्त किसान मोर्चा ने स्पष्ट किया कि, जब तक उनकी मांगों को माना ही नहीं जाता जब तक आंदोलन जारी रहेगा। किसानों ने चेताया कि, यदि सरकार जल्द ही बातचीत के लिए बिना शर्त राजी नहीं हुई तो पूरी दिल्ली को सील करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य योगेंद्र यादव ने कहा कि, किसानों के आंदोलन से सरकार के पांच झूठों का पर्दाफाश हुआ है। सरकार कर रही थी कि बिचौलिये विरोध कर रहे हैं, हजारों की संख्या में एकत्रित संख्या में से कौन से बिचौलिये हैं सरकार इसकी पहचान करे। यह आंदोलन पंजाब का नहीं बल्कि पूरे देश के किसानों का है। संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई में किसान अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं।
वही, भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि, किसानों पर 30-31 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। दिल्ली कूच को लेकर खाप पंचायतों का समर्थन मिल रहा है। ग्राम पंचायतें भी आंदोलन के समर्थन में आ चुकी हैं और फैसला लिया गया है हर गांवों के प्रत्येक घर से एक-एक सदस्य आंदोलन मं हिस्सा लेगा। ये आंदोलन ऐतिहासिक है, सरकार को बात न मनाने से नुकसान होगा। जब तक बात नही मानी जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
बता दे कि, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की बुराडी आने के प्रस्ताव को नामंजूर करने के बाद किसानों ने सरकार को बिना शर्त बातचीत का न्यौता दिया है। किसानों की इस शर्त पर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने प्रतिक्रिया दी कि, अब ये डेड लॉक खत्म होना चाहिए, क्योंकि धरती पुत्र खेत में ही काम करता हुआ अच्छा लगता है। उन्होंने केंद्र सरकार से भी जल्द वार्ता करने की पैरवी की।