नई दिल्ली : पंजाब और हरियाणा के किसानों का केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ जारी किसान आंदोलन आज अपने 28वें दिन में प्रवेश कर चुका है. दोनों पक्षों की ओर से इस मामले को लेकर कश्मकश जारी है. अब तक किसानों की समस्याओं को लेकर सरकार और किसानों के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी हैं, लेकिन सारी वार्ताएं और बैठक बेनतीजा रही है. सरकार ने किसानों से बातचीत के लिए एक बार फिर से प्रस्ताव भेजा था, हालांकि उस प्रस्ताव को किसानों ने ठुकरा दिया है.
किसानों ने सरकार को दो टूक जवाब देते हुए कहा है कि, केंद्र सरकार आग से न खेलें. हमारे कांदोलन को सरकार हलके में न लें. बुधवार शाम को संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि, हम सरकार द्वारा मिले बातचीत के प्रस्ताव को अस्वीकार करते हैं. सरकार को चेताते हुए किसानों ने कहा है कि, सरकार साफ़ नीयत के साथ बातचीत करें. साथ ही किसानों ने सरकार को MSP पर दूसरा ड्राफ्ट तैयार करने के लिए भी कहा है. उन्होंने साफ कह दिया है कि, सरकार के नए प्रस्ताव पर बातचीत नहीं की जाएगी.
किसानों ने कहा कि, यह हमारी सरकार को चेतावनी है कि, सरकार आग से न खेलें. आज किसने सडकों पर है, किसानों की जो भी मांगें है, उन्हें सम्मान पूर्वक मना जाना चाहिए. संयुक्त किसान मोर्चा की प्रेस कॉन्फ्रेंस ने यह भी कहा है कि, केंद्र सरकार किसानों को गुमराह करने में लगी हुई है. लेकिन उसे सरकार को असल मुद्दे पर बातचीत करनी चाहिए.