पद्मश्री से सम्मानित प्रसिद्द कथाकार ‘मालती’ जोशी का निधन, इंदौर से है गहरा नाता

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बड़ी खबर : पद्म श्री से सम्मानित वरिष्ठ लेखिका मालती जोशी का 90 वर्ष की आयु में आज निधन हो गया. उनके निधन की पुष्टि परिवार द्वारा की गई है. बता दे कि मालती जोशी काफी लंबे समय से आइसोफ़ेगस के कैंसर नामक गंभीर बीमारी से लड़ रही थीं. हालांकि उनका निधन कल यानी बुधवार को ही हो चूका है. बताया जा रहा है कि मालती जोशी ने अंतिम सांस दिल्ली में रहने वाले अपने बेटे सच्चिदानंद जोशी के आवास पर ली.

मालती जोशी - विकिपीडिया

पद्मश्री से सम्मानित है ‘मालती जोशी’

प्रसिद्द कथाकार के साथ ही ‘मालती’ जोशी वरिष्ठ लेखिका के नाम से भी जानी जाती है. उन्हें पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के द्वारा पद्मश्री से सम्मान से भी नवाजा जा चुका है.

अंतिम समय तक परिवार रहा साथ

मां के साथ साथ उनका बेटा सच्चिदानंद जोशी भी नामी साहित्यकारों में शामिल है, जो प्रसिद्ध साहित्यकार होने के साथ ही इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (IGNCA) के सदस्य सचिव भी हैं. मालती जोशी के निधन से पहले ही उनका पूरा परिवार अंतिम समय तक साथ रहा है. उनके दोनों बेटे ऋषिकेश और सच्चिदानंद तथा दोनों बहुए अर्चना और मालविका उनके पास मौजूद थे.सभी परिवारवालों की मौजूदगी में ही मालती जोशी ने दुनिया को अलविदा कहा.

इंदौर से है गहरा नाता

मालती जोशी इंदौर में रहने वाले दिघे परिवार में जन्मी उसके बाद उन्होंने बड़े होकर अपनी साहित्यिक यात्रा की शुरुआत भी इंदौर से की थी. तब से उन्हें लोग मालवा की ‘मीरा’ के नाम से जानने लगे थे. इंदौर के ख़ास लगाव को लेकर मालती जोशी के बेटे सच्चिदानंद जोशी बताते हैं कि उन्हें इंदौर से इतना ज्यादा लगाव था कि वे अक्सर कहा करती थीं कि इंदौर जाकर मुझे सुकून मिलता है, क्योंकि वहां मेरा बचपन बीता, लेखन की शुरुआत वहीं से हुई और रिश्तेदारों के साथ ही उनके सहपाठी भी वहीं हैं। इसलिए मुझे इंदौर से बहुत प्यार है.