Google पर CCI ने 2200 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया है. कंपनी पर एंटी-कंपीटिटिव अभ्यास के कारण से ये दण्ड लगाया गया है. अब गूगल ने इसके अगेंस्ट NCLAT में आवेदन किया है. यहां पर आपको विवरण में बता रहे हैं कि आखिर क्यों Google पर इतना भारी-भरकम दण्ड लगा. टेक जायंट Google पर अक्टूबर में काफी बड़ा जुर्माना लगाया गया था. ये फाइन कंपटीशन कमिशन ऑफ इंडिया (CCI) ने लगाया था. अब गूगल ने कहा है कि वो कंपनी पर लगे 2200 करोड़ रुपये से अधिक के जुर्माने के विरुद्ध लेकर राष्ट्रीय कम्पनी विधि आवेदन का अधिकरण (NCLAT) में जाएगा.
आपको ये बता दें कि इस साल अक्टूबर में एक ही सप्ताह में गूगल पर दो-दो बार फाइन लगाया गया था. ये जुर्माना CCI ने भारत में एंटी-कंपीटिटिव अभ्यास के लिए लगाया. कंपनी पर टोटल 2274 करोड़ रुपये का फाइन लगाया गया था. गूगल पर इलज़ाम है इसने एंड्रॉयड स्पेस में अपनी टॉप स्थिति का अनुचित लाभ उठा कर कंपटीशन में अपने आपको बेहद आगे रखा.
एंटी-कंपीटिटिव अभ्यास के लिए पहले इस पर 1337 करोड़ रुपये का दण्ड लगाया गया. फिर कंपनी पर इसी कारण से 936.44 करोड़ रुपये का फाइन लगाया गया. मतलब अब कंपनी पर टोटल 2274 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा हैं।
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क्यों लगा गूगल पर जुर्माना
जैसा की पहले बताया गया है कि गूगल पर दो बार फाइन लगाया गया है. यहां एक के बाद एक आपको दोनों जुर्माने की वजह बता रहे हैं. गूगल पर इल्जाम लगाया गया है कि इसने एंड्रॉयड इकोसिस्टम में अपनी स्थिति का अनुचित लाभ उठाया. CCI ने इस पर प्ले स्टोर स्कीम से जुड़े एंटी-कंपीटिटिव अभ्यास के लिए चार्ज लगाया है. गूगल प्ले स्टोर स्कीम के कारण से मार्केट में रिलीज होने से गूगल एप्स को लाभ मिलता। गूगल स्कीम के कारण से गूगल ऐप डेवलपर सिर्फ गूगल प्ले बिलिंग सिस्टम यानी GPBS का ही ऑप्शन एंड्रॉयड ऐप पर खरीदारी के लिए उपभोक्ताओं को दे पाते हैं. डेवलपर के पास अल्टरनेटिव पेमेंट मैथड का विकल्प या डायरेक्ट लिंक नहीं होती है.
यानी गूगल एप यूजर्स चाहकर भी प्ले स्टोर बिलिंग से अलग क्रेडिट या डेबिट कार्ड से पेमेंट डेवलपर को नहीं कर सकते हैं. यूजर्स को ऐप से बाहर भी डिजिटल आइटम्स खरीदने के लिए समर्थन नहीं दिया जाता है. सीसीआई ने बताया कि गूगल एंड्रॉयड स्मार्टमोबाइल ओएस और लाइसेंसेबल OS स्मार्ट मोबाइल डिवाइस पर डॉमिनेंट करता है. ये ऐप डेवलपर को गूगल प्ले बिलिंग सिस्टम को उपयोग करने के लिए फोर्स करता है. जो पूर्ण रूप से अनुचित है. इस कारण से गूगल ऐप पर फाइन लगाया गया है.
ये भी है मुख्य कारण
Case Nos. 07 of 2020, 14 of 2021 and 35 of 2021
CCI imposes a monetary penalty of ₹ 936.44 Crore on Google for anti-competitive practices in relation to its Play Store policies.
Read the full order here: https://t.co/GDR820ffYg
Press release: https://t.co/7HEPJeHVK3#Antitrust pic.twitter.com/TbTa6vbCXl— CCI (@CCI_India) October 25, 2022
गूगल को सर्वप्रथम एंड्रॉयड अग्रीमेंट जैसे मोबाइल एप्लीकेशन डिस्ट्रीब्यूशन एग्रीमेंट या MADA के लिए चार्ज लगाया गया था. MADA एक ऐसा एग्रीमेंट है जो गूगल मोबाइल मैन्युफैक्चरर के साथ करता है. इसमें एंड्रॉयड मोबाइल में प्री-लोडेड गूगल ऐप्स जैसे Search, YouTube, Gmail दिए जाते हैं. आपने भी इस पर गौर किया होगा कि अगर आप नया फोन लेते हैं तो उसमें गूगल के कई ऐप्स जैसे जीमेल, यूट्यूब पहले से इंस्टॉल होते हैं. इससे गूगल के इन ऐप्स को बाकी ऐप्स मुक़ाबलें में बहुत अधिक लाभ मिल जाता है. यानी जितने एंड्रॉयड मोबाइल उतने ऐप्स. इसका डायरेक्ट लाभ गूगल को मिलता है जबकि बाकी के डेवलपर्स को इससे भारी नुकसान होता है.
गूगल ने की अपील
अब कंपनी ने इस फाइन के विरुद्ध NCLAT में आवेदन दिया है. ये आवेदन तब आया हैं जब हाल ही में सुंदर पिचाई ने भारत की यात्रा की थी. कंपनी ने बताया है कि CCI के इस निर्णय से भारतीय यूजर्स और बिजनेस को आघात होगा जो एंड्रॉयड सिक्योरिटी फीचर पर विश्वास करते हैं. कंपनी ने आगे कहा इससे मोबाइल डिवाइस के मूल्य में भी इजाफा हो सकता है.अब इस पर आने वाले निर्णय का इंतजार फिलहाल करना होगा.