सोनू सूद खुद को नहीं मानते ‘मसीहा’, बुक लिख बयां किया पूरा अनुभव

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By Ayushi JainPublished On: November 12, 2020

कोरोनाकाल में फिल्म अभिनेता सोनू सूद महानायक बनकर उभरे हैं। उन्होंने न केवल कोरोना महामारी के दौरान विस्थापित लोगों को उनके घरों तक बस, ट्रेन, हवाई जहाज से पहुंचाया। उनके इलाज के लिए मदद की, जिसकी पूरे देश में प्रशंसा हो रही है। उन्होंने फैंस को खुश करने के एक भी मौके नहीं छोड़े है। अभी तक भी फैंस को खुश करने का सिलसिला उनका जारी है। उन्हें हर तरफ से दुआएं मिल रही हैं। लेकिन इसी बीच सोनू ने खुद को ‘मसीहा’ ना मानने का इजहार किया है। इसे लेकर अपनी लॉकडाउन जर्नी को शेयर करते हुए सोनू सूद ने एक किताब लिखी है, जिसका नाम है ‘I Am No Messiah’ (मैं मसीहा नहीं हूं),

इस बुक को लेकर सोनू सूद ने एक इंटरव्यू में बात करते हुए कहा है कि मैं नहीं मानता हूं कि मैं मसीहा हूं। मैं ये मानता हूं कि मैं उनकी जर्नी का एक हिस्सा हूं। हर एक प्रवासी का जो जिंदा है और बड़े शहरों में आकर अपने परिवार के लिए रोटी कमाना चाहता है। इसलिए मैं पूरी तरह ये विश्वास करता हूं कि मैंने पिछले 6 महीनों में उनके साथ जो कनेक्शन बनाया है, उसने मुझे उनमें से एक बना दिया है। मैं ये नहीं मानता हूं कि मैं किसी भी तरह का मसीहा हूं।

सोनू सूद खुद को नहीं मानते 'मसीहा', बुक लिख बयां किया पूरा अनुभव

मुझे याद है कि पहले दिन जब मैंने लोगों को खाना देने से इस यात्रा की शुरुआत की थी, तब मैंने सोचा था कि मैंने एक इंसान के तौर पर अपना काम किया है और अब इस कोरोना वायरस के खत्म होने का इंतजार है। लेकिन वो समय था जब वो पूरी यात्रा शुरु हुई थी, जब मैंने करोड़ों प्रवासियों को पैदल चलकर अपने गांव जाते हुए देखा था। मुझे लगा कि ये खत्म नहीं होगा अगर मैं सड़कों पर नहीं जाऊंगा। तब उनकी यात्रा शुरु हुई उन्हें वापस भेजने की। गौरतलब है कि सोनू सूद ने लॉकडाउन के दौरान कई जरूरतमंदों की मदद की है। वहीं अपने इस पूरे अनुभव को बयान करते हुए उन्होंने एक किताब लिख डाली है।