Lata Mangeshkar : लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) ने अपने पिता मास्टर दीनानाथ की सीख को जीवन भर नहीं भुलाया। लता यह कहती थी कि उनके पिता की सीख से ही वे अपने जीवन में सदैव आगे बढ़ी है। मास्टर दीनानाथ ने यह सीख दी थी कि गाते समय यह नहीं सोचो कि तुम्हें अपने पिता या गुरू से बेहतर गाना है।
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गावस्कर और धोनी की फैन भी थी
गायकी के अलावा लता मंगेश्वकर को क्रिकेट भी पसंद था। वे सुनील गावस्कर के साथ ही सचिन तेदुंलकर तथा महेन्द्रसिंह धोनी की फैन भी रही। देश का गौरव कायम रखा। लता को कभी घंमड छू नहीं सका और वे जीवन भर सामान्य महिला की तरह ही बनी रही। हालांकि उनकी गायकी और उनके व्यक्तित्व से देश का गौरव हमेशा कायम रहा।
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भारतीय सिनेमा इतिहास में लता ने अपना वर्चस्व व इतिहास बनाया। महज 13 वर्ष की उम्र से उन्होंने अपने गायकी की शुरूआत की थी और हिन्दी सहित अन्य कई भाषाओं में उन्होंन तीस हजार से अधिक गाने गाए है। करीब सात दशक से अधिक के कॅरियर में उन्होंने गायकी की तथा नए गायकों के लिए वे हमेशा प्रेरणा बनी रही।