पॉल्यूशन, मौसम, फूड और माइक्रोऑर्गेनिज्म के असर से डस्ट एलर्जी की समस्याएं बढ़ने लगती है। जब बॉडी किसी परिस्थिति या पदार्थ के लिए रेसिस्टेंट नहीं होती तब उसके रिस्पॉन्स में एलर्जी के लक्षण दिखाई पड़ते हैं। एलर्जी को नजरंदाज करना एक बड़ी गलती हो सकती है। एलर्जी और एलर्जन की पहचान करना कभी कभी थोड़ा मुश्किल होता है, लेकिन अक्सर इसका कारण पॉलेन ग्रेंस, डस्ट, कॉकरोच, जानवरों के बाल, फर या पंख, और मोल्ड या यीस्ट जैसे सूक्ष्मजीव होते है।
एलर्जी के लक्षण
डस्ट एलर्जी : स्टाइल क्रेज डॉट कॉम के मुताबिक छींक आना और नाक बहना डस्ट एलर्जी का सबसे आम लक्षण होता है। एलर्जी में कभी कभी आंखें लाल हो जाती हैं और उनमें खुजली भी होती है। इस दौरान बॉडी के अलग अलग पार्ट्स में खुजली की समस्या हो सकती है। इसके अलावा सांस लेने में तकलीफ, टाइट चेस्ट या खांसी जैसी परेशानियां भी हो सकती हैं।
बचाव के आसान तरीके
हल्दी : डस्ट एलर्जी के लिए आधा चम्मच हल्दी एक ग्लास दूध में मिलाकर गरम कर लें, इसमें शहद और काली मिर्च मिलाना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। दिन दो बार इसका सेवन बॉडी में एलर्जी बढ़ाने वाले हिस्टामाइंस को रिलीज होने से रोकता है और अपने एंटीबैक्टीरियल गुणों के चलते एलर्जी से बचाव में मदद करता है।
एलोवेरा : दिन में दो बार ¼ कप एलोवेरा जूस का सेवन एलर्जी के दौरान होने वाली सूजन और दर्द से राहत दिलाता है। एलोवेरा के एंटी इन्फ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक गुण भी एलर्जी में लाभदायक होते हैं।
ग्रीन टी : दिन में 3- 4 बार ग्रीन टी का सेवन एलर्जी के लिए रामबाण उपाय हो सकता है। एक कप गरम पानी में 5-10 मिनट टी बैग डालकर ग्रीन टी तैयार लें। ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट गुणों वाला इजीसीजी मौजूद होता है जो डस्ट एलर्जी के उपचार में फायदा पहुंचाता है।
घी : एलर्जी के लिए ¼ छोटा चम्मच शुद्ध घी गुड़ के साथ ले लें। ये नसल पैसेज में गरमी पहुंचाता है और छींक कंट्रोल करने में मदद करता है।