भोपाल। मध्यप्रदेश में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक हलचल देखने को मिल रही है। आज मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह सागर जिले के सुरखी विधानसभा क्षेत्र के रैपुरा ग्राम में पहुंचे हैं, जहां 1 दिन पहले वन विभाग की टीम ने अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के 12 मकान तोड़ दिए थे।
यहां पहुंचकर दिग्विजय सिंह पीड़ितों के साथ धरने पर बैठ गए और कहा कि जब तक न्याय नहीं होगा वह यहीं पर रुकेंगे। इतना ही नहीं दिग्विजय सिंह ने यह भी मांग की है कि जिनके मकान टूटे हैं उनकी भरपाई की जाए उन्हें सरकार मुआवजा देवें। धरना स्थल पर जिले के एसपी अभिषेक तिवारी और डीपीओ महेंद्र प्रताप सिंह भी पहुंच चुके हैं। इसके साथ ही आईएएस चंद्रशेखर शुक्ला भी घटनास्थल पर पहुंचे हैं।
दिग्विजय सिंह ने यह भी मांग की है कि पीड़ितों को प्लाट दिए जाए और प्लाट पर मकान बनाने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना से राशि मुहैया कराई जाए। दिग्विजय सिंह ने कहा कि प्रशासन पीड़ितों के रहने के लिए अस्थाई इंतजाम करें। जब तक यह मांगे पूरा करने का आश्वासन लिखित में नहीं मिलता तब तक में घटनास्थल से नहीं उठूंगा। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि यदि यह मांगे नहीं मानी गई तो वह रैपुरा में ही रात रुकेंगे।
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कई बड़े अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं। आईएएस चंद्रशेखर शुक्ला, एसपी अभिषेक तिवारी, डीपीओ महेंद्र प्रताप सिंह घटनास्थल पर है। दिग्विजय सिंह ने सीधा आरोप राजस्व मंत्री गोविंद राजपूत पर लगाते हुए कहा कि उनके इशारे पर दलितों के मकानों पर बुलडोजर चड़ा दिया गया है। दिग्विजय सिंह ने बताया कि लोगों का कहना है कि वे 50 साल से अधिक से यहां रह रहे हैं। बिना नोटिस दिए सीधे घर और गृहस्थी पर बुलडोजर चला दिया।