इंदौर 13 अक्टूबर 2021. मध्य भारत के चिकित्सा जगत में अपनी एक ख़ास पहचान को कायम रखते हुए गोकुलदास हॉस्पिटल, इंदौर ने आज नवीनतम डिजिटल ब्रॉडबैंड तकनीक से लैस नई एम आर आई मशीन की स्थापना की घोषणा की।
लांच के अवसर पर गोकुलदास हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ आनंद गोकुलदास ने बताया कि गोकुलदास हॉस्पिटल को मध्य भारत में 1995 की सबसे पहली एम आर आई मशीन लगाने का श्रेय जाता है और हमारा अस्पताल तब से लगातार उन्नत तकनीक से मरीजों की बीमारी के सटीक निदान मे अग्रणी रहा रहा है। तकनीक के लगातार बेहतर होने का फ़ायदा हमने हमेशा से अपने मरीजों तक पहुंचाने की पूरी कोशिश की है और इसी का नतीजा है, कि हम एक आधुनिकतम स्टेट ऑफ़ द आर्ट मशीन लेकर आये हैं।
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गोकुलदास हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ संजय गोकुलदास ने बताया कि कई मरीजों को एम आर आई मशीन मे लेटने मे घबराहट या घुटन सी महसूस होती है, इसी कमी को ध्यान मे रखकर इस मशीन को काफी खुला खुला बनाया गया है. साथ ही छत और दीवारों पर रौशनी और चित्रों के सुन्दर मिश्रण ने इस डर और घबराहट को लगभग खत्म कर दिया है।
गोकुलदास हॉस्पिटल के रेडियोलॉजी विभागाध्यक्ष एवं वरिष्ठ एम आर आई विशेषज्ञ डॉ. मनीष अग्रवाल ने बताया कि इस मशीन मे जोड़ प्रत्यारोपण कराए हुए मरीज़ भी शरीर के किसी भी अंग की एम आर आई जांच सुरक्षित तरीके से करवा सकता है! डिजिटल तकनीक की वजह से एम आर आई इमेज तीस से चालीस प्रतिशत अधिक स्पष्ट है और इतने ही प्रतिशत कम समय मे मरीज़ की जांच हो जाती है।
इस नई मशीन की विशेष गुणवत्ताएँ
• 30 से 40 प्रतिशत तेज एम आर आई स्कैन
• 30 से40 प्रतिशत स्पष्ट इमेज जिससे बीमारी का और अधिक सटीक निदान
• मशीन में पहले से बहुत कम आवाज़ व बहुत कम समय मे जाँच पूर्ण
• क्लॉस्ट्रोफोबिया को कम करने के लिए 50 मि.मि. तक बढ़ा हुआ स्थान
• मशीन रूम मे उन्नत रोशनी और सुन्दर चित्रों के मिश्रण से मरीज़ के लिए आरामदायक माहौल!
• विभिन्न बीमारियों के निदान मे उपयोगी नयी उन्नत सीक्वेन्सेस।
• जोड़ प्रत्यारोपण करा चुके मरीज़ों की भी आसानी से एमआरआई जाँच