विकास दिव्यकीर्ति एक मशहूर शिक्षक और दृष्टि IAS कोचिंग संस्थान के संस्थापक हैं। वह यूट्यूब पर अपने ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक वीडियो के लिए युवाओं में काफी लोकप्रिय हैं। उनकी शैली सरल और सहज होती है, जिस कारण छात्र उन्हें बहुत पसंद करते हैं।
किस विवाद में फंसे हैं?

हाल ही में विकास दिव्यकीर्ति का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसका शीर्षक था – “IAS vs Judge: कौन ज्यादा ताकतवर?”। इस वीडियो में उन्होंने IAS अधिकारियों और जजों की शक्तियों की तुलना की थी। साथ ही, हाईकोर्ट, कॉलेजियम सिस्टम, न्यायिक नियुक्तियों और जिला न्यायाधीशों को लेकर कुछ टिप्पणियां कीं जिन्हें कुछ लोगों ने न्यायपालिका की छवि को ठेस पहुंचाने वाला माना।
मानहानि का केस क्यों दर्ज हुआ?
अजमेर के वकील कमलेश मंडोलिया ने इस वीडियो को लेकर अजमेर कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया। उनका आरोप है कि विकास दिव्यकीर्ति ने जानबूझकर लोकप्रियता पाने के लिए न्यायपालिका पर अपमानजनक और व्यंग्यात्मक टिप्पणी की। कोर्ट ने BNS 2023 की धारा 356(1)-(4) और IT एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिया और उन्हें 22 जुलाई 2025 को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने को कहा है।
कोर्ट का क्या कहना है?
अजमेर के अतिरिक्त सिविल जज और न्यायिक मजिस्ट्रेट मनमोहन चंदेल की अदालत ने कहा कि विकास दिव्यकीर्ति की टिप्पणियां न्यायपालिका की गरिमा, निष्पक्षता और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाती हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि एक शिक्षक और संस्थान प्रमुख के तौर पर दिव्यकीर्ति को यह समझना चाहिए कि उनका बयान सार्वजनिक रूप से प्रसारित हो सकता है।
दिव्यकीर्ति का पक्ष क्या है?
विकास दिव्यकीर्ति का कहना है कि यह वीडियो किसी तीसरे व्यक्ति द्वारा उनकी सहमति के बिना एडिट करके डाला गया है और उस यूट्यूब चैनल से उनका कोई संबंध नहीं है। उन्होंने तर्क दिया कि यह मामला संविधान के अनुच्छेद 19(1)(a) के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे में आता है। साथ ही, उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता वीडियो में उल्लिखित “पीड़ित व्यक्ति” नहीं है, क्योंकि उसमें किसी का नाम नहीं लिया गया।