नई दिल्ली। करोड़ों लोगों के दिलों पर अपनी धाक जमाने वाले भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का आज जन्मदिन है। आज धोनी के पास जो भी शोहरत है उस मुकाम तक पहुंचना धोनी के लिए भी आसान नहीं रहा था। 23 साल की उम्र में टीम इंडिया में धोनी को बुलावा आया। इस बुलावे के बाद धोनी ने अपने सपनों को उड़ान देना शुरु कर दिया।
मैदान पर धूम मचाते हुए धोनी ने ना सिर्फ कई खिताब अपने नाम किए बल्कि लोगों के दिलों पर भी राज किया। धोनी एक जबरदस्त खिलाड़ी तो थे ही लेकिन सुखिर्यों में वे तब आए जब उन्होंने अपने 5वें वनडे और 5वें टेस्ट में पाकिस्तान के खिलाफ दोनों मैचों में शतक लगाई। 39 साल के हो चुके धोनी की काबिलियत देख कर बीसीसीआई के प्रतिभा अनुसंधान विकास विभाग (टीआरडीडब्ल्यू)ने अपने नियमों मतक में बदलाव कर दिए थे। दरअसल धोनी को 21 साल की उम्र में बीसीसीआई के टीआरडीडब्ल्यू योजना में शामिल किया गया था, जबकि इसके लिए 19 साल की उम्र निर्धारित थी।
बंगाल के पूर्व कप्तान प्रकाश पोद्दार के कहने पर धोनी को टीआरडीडब्ल्यू में शामिल किया गया था। पोद्दार के आग्रह पर वेंगसरकर ने फैसला किया कि प्रतिभाशाली खिलाड़ी के लिए नियम नहीं आड़े आने चाहिए। पोद्दार के धोनी के लिए नियम में बदलाव को लेकर एक बहुत ही दिलचस्प कहानी है। हुआ यूं था कि पोद्दार जमशेदपुर में एक अंडर-19 मैच देखने गए थे। उसी समय बगल के कीनन स्टेडियम में बिहार की टीम एकदिवसीय मैच खेल रही थी और गेंद बार-बार स्टेडियम के बाहर आ रही थी। इसके बाद पोद्दार ने उत्सुकता हुई कि इतनी दूर गेंद को कौन मार रहा है। जब उन्होंने पता किया तो धोनी के बारे में पता चला।