रविवार को प्रधानमंत्री ने मन की बात में देवी अन्नपूर्णा का सबसे पहले जिक्र करते हुए अपने कार्यक्रम की शुरुआत किया। उन्होंने बतया कि देवी अन्नपूर्णा की मूर्ति अब कनाडा के वापस लाया जायेगा। देवी अन्नपूर्णा की प्राचीन मूर्ति करीब 100 साल पहले वाराणसी के घाट से चोरी हो गई थी। इस मूर्ति को गलत तरीके से भारत से कनाडा ले जाया गया था और रेजिना विश्वविद्यालय की ऑर्ट गैलरी में रखा गया था। फिर बाद में कैनेडियन विश्वविद्यालय ने इस चोरी को सुधारने का फैसला किया और वो भारत को मूर्ति लौटने के लिए राजी हो गए।
कब और कैसे पहुंची कनाडा
इस मूर्ति को वापस लाने में दिव्या मेहरा में बहुत ही अहम रोल अदा किया। इसकी जानकारी दिव्या को इतिहासकार नॉर्मन मैकेंजी के स्थाई संग्रह से प्राप्त हुई थी। मिली हुई जानकारी के मुताबिक, साल 1913 में भारत दौरे के दौरान इस मूर्ति पर मैकेंजी की नजर गई। उन्होंने 1 व्यक्ति की मदत से वाराणसी में गंगा किनारे बसे एक मंदिर से चुरा लिया था।साल 1936 में मैकेंजी ने इस मूर्ति की वसीयत कराई और संग्रहालय में शामिल कर लिया था।
वाराणसी की रानी मानी जाती है
पुरानी धार्मिक मान्यतओं के अनुसार देवी अन्नपूर्णा धान्य अर्थात अन्न की अधिष्ठात्री तथा वाराणसी की रानी हैं। इस मूर्ति में एक हाथ में खीर की कटोरी और दूसरे हाथ में चम्मच दिखाई देती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस मूर्ति को करीब 100 साल पहले वाराणसी के एक मंदिर से चुराया गया था. तब से उसे यूनिवर्सिटी ऑफ रिजायना के मैकेंजी आर्ट गैलरी में रखा गया था।