DA Hike: त्योहार से पहले सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी, ग्रेच्युटी में जल्द होगी बढ़ोतरी

Meghraj Chouhan
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DA Hike: त्योहार से पहले सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी, ग्रेच्युटी में जल्द होगी बढ़ोतरी

DA Hike: हर साल की तरह, केंद्र सरकार के कर्मचारी इस बार भी जुलाई महीने में महंगाई भत्ते (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) की घोषणा का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं। पिछले जनवरी में इन भत्तों में वृद्धि की गई थी, और अब जुलाई 2024 के लिए संशोधन लंबित है। यह बदलाव लाखों कर्मचारियों के लिए महंगाई के दबाव से निपटने में मददगार साबित होगा।

7वें वेतन आयोग के तहत, केंद्र सरकार के कर्मचारियों को महंगाई भत्ते और राहत में हर छह महीने में, अर्थात् जनवरी और जुलाई में वृद्धि की जाती है। जनवरी की घोषणा मार्च में की गई थी, और अब सभी की नज़र जुलाई की घोषणा पर है।

संभावित सैलरी वृद्धि

हालिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बार महंगाई भत्ते में 3 से 4 फीसदी की वृद्धि हो सकती है। यह बढ़ोतरी आमतौर पर सितंबर में की जाती है। केंद्र सरकार की योजना है कि वह महानवमी और दशहरा के पहले कर्मचारियों को खुशखबरी दे सके। जुलाई में महंगाई भत्ते के संशोधन का निर्णय अभी तक सार्वजनिक नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 25 सितंबर को कैबिनेट की बैठक आयोजित होगी, जहां इस संबंध में महत्वपूर्ण घोषणाएं की जा सकती हैं।

जुलाई का संशोधन पिछले जनवरी से जून के एआईसीपीआई सूचकांक पर आधारित होगा। यदि फिटमेंट फैक्टर को 1.3 मान लिया जाए, तो कर्मचारियों को महंगाई भत्ते और राहत के रूप में 3 फीसदी की वृद्धि मिलेगी।

ग्रेच्युटी में संभावित वृद्धि

पहले जब ग्रेच्युटी में 4 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी, तब यह 50 फीसदी तक पहुंच गई थी। यदि इसमें 3 फीसदी की और बढ़ोतरी की जाती है, तो यह 53 फीसदी हो जाएगी। इन सभी वृद्धि का असर मूल वेतन और हाउस रेंट अलाउंस पर भी पड़ेगा।

मौजूदा 7वां वेतन आयोग 2016 में लागू हुआ था और यह 2026 तक चलेगा। उसके बाद 8वें वेतन आयोग की गणना की जाएगी। कर्मचारी पहले से ही यह अनुमान लगा रहे हैं कि वेतन, ग्रेच्युटी और अन्य भत्तों में कितनी वृद्धि हो सकती है। केंद्रीय कर्मचारी यूनियनों ने भी विभिन्न सिफारिशें और अपीलें की हैं। इस तरह, केंद्र सरकार के कर्मचारी अपनी वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाने की उम्मीद में हैं, और उनकी नजरें आगामी घोषणाओं पर टिकी हुई हैं।