जिला न्यायालय में नेशनल लोक अदालत, 66 खण्डपीठों का गठन

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इंदौर 08 सितम्बर, 2021
इंदौर जिले में लंबित प्रकरणों के आपसी सुलह और समझौते के आधार पर त्वरित निराकरण के लिये 11 सितम्बर को जिला और सभी तहसील न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत आयोजित की गई है। यह लोक अदालत प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री दिनेश कुमार पालीवाल के मार्गदर्शन में होगी। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि जिला और तहसील न्यायालयों में प्रकरणों के निराकरण के लिये कुल 66 खण्डपीठों का गठन किया गया है।

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जिला मुख्यालय में कुल 50 खण्डपीठों का, अम्बेडकर नगर तहसील के लिये 9 खण्डपीठों का, सांवेर तहसील न्यायालय में 2 खण्डपीठों का, देपालपुर तहसील हेतु 4 खण्डपीठों का एवं हातोद तहसील न्यायालय में एक खण्डपीठ का, इस तरह इन्दौर के लिये 11 सितम्बर 2021 (शनिवार) को आयोजित नेशनल लोक अदालत के लिये कुल 66 खण्डपीठों का गठन किया गया है। लोक अदालत में ऐसे राजीनामा योग्य प्रकरणों को रखा जायेगा, जिनमें पक्षकारों के बीच समझौते की संभावना हो, ऐसे पक्षकारों को लोक अदालत की खण्डपीठ द्वारा समझाईश दी जायेगी।

समझाईश के फलस्वरूप यदि पक्षकारों के मध्य राजीनामे की सहमति बनती है, तो पक्षकारों के मध्य तय शर्तो के अनुसार राजीनामा लोक अदालत की गठित खण्डपीठ द्वारा किया जायेगा। लोक अदालत में आपसी राजीनामे के आधार पर प्रकरणों के निराकरण की दशा में पक्षकारों के मध्य संबंध मधुर बने रहते है, वहीं न्यायालय से गुण-दोषों के आधार पर फैसले के आधार पर कोई-न-कोई पक्ष असंतुष्ट रह जाता है, जो न्यायालय में फैसले के विरूद्ध वरिष्ठ न्यायालय में कार्यवाही करता है और अदालती कार्यवाही में पक्षकारों का पैसा और समय दोनों ही खर्च होता है। लोक अदालत में मामले का निराकरण समझौते के आधार पर होने पर पैसे और समय दोनों की ही बचत होती है।

नेशनल लोक अदालत में विभिन्न बैंकों एवं फायनेंस कंपनी द्वारा प्रस्तुत किये गये प्री-लिटिगेशन प्रकरणों का भी समझौते के आधार पर लोक अदालत की खण्डपीठ द्वारा निराकरण किया जायेगा। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण इन्दौर ने ऐसे सभी व्यक्तियों से ‘‘जिनके मामलें जिला न्यायालय में लम्बित है‘‘ से अपील की है कि यदि उनके द्वारा प्रस्तुत किये गये मामले में या उनके विरूद्ध कोई मामला चल रहा हो, जो कि राजीनामा योग्य हो, में सुलह समझौते की संभावना हो तो वे सुलह समझौते हेतु अपने प्रकरण को 11 सितम्बर, 2021 को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत में रखवा सकते हैं।