सीएम मोहन यादव का बड़ा फैसला, आयुष डॉक्टरों को मिलेगा स्वास्थ्य विभाग के समान वेतन

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By Raj RathorePublished On: September 24, 2025

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आयुष डॉक्टरों के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है, जिसके तहत उन्हें अब स्वास्थ्य विभाग के बराबर वेतन मिलेगा। यह कदम आयुष क्षेत्र के डॉक्टरों के लिए बड़ी खुशखबरी लेकर आया है। मुख्यमंत्री ने भोपाल में राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के मौके पर यह घोषणा की।

आयुष डॉक्टरों को मिलेगा स्वास्थ्य विभाग के बराबर वेतन

सरकार ने राज्य के आयुष कॉलेजों में शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक पदों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही, आयुष विभाग के चिकित्सा अधिकारियों को अब प्रथम श्रेणी के पदों पर रखा जाएगा। यह फैसला आयुष डॉक्टरों के लिए एक बड़ी राहत है, क्योंकि अब उन्हें भी स्वास्थ्य विभाग के समकक्ष वेतनमान मिलेगा। इस पहल से कुल 2698 अधिकारी, जिनमें 1453 आयुर्वेद, 228 होम्योपैथी और 85 यूनानी चिकित्सा अधिकारी शामिल हैं, सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे। इस निर्णय का राजपत्रित आयुष चिकित्सा अधिकारी संघ ने स्वागत किया है।

आयुर्वेद और पर्यटन का मिलाप

मुख्यमंत्री की उपस्थिति में आयुष और पर्यटन विभाग के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए हैं। इसका मुख्य उद्देश्य आयुर्वेद, होम्योपैथी और वेलनेस को बढ़ावा देना है। इस पहल के जरिए, पर्यटन स्थलों पर भी आयुष से जुड़ी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी, जिससे प्रदेश में वेलनेस टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा।

कैंसर मरीजों के लिए ‘कारुण्य’ कार्यक्रम

मुख्यमंत्री ने आयुष जनस्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत कैंसर रोगियों के लिए एक नया कार्यक्रम ‘कारुण्य’ भी शुरू किया है। इस कार्यक्रम के तहत 55 जिलों में 55 इकाइयां शुरू की गई हैं, ताकि कैंसर के मरीजों को आयुर्वेद के माध्यम से बेहतर इलाज मिल सके। इसके अलावा, लोगों को औषधीय पौधों की जानकारी देने के लिए एक हेल्पलाइन भी शुरू की गई है। इस मौके पर ‘मध्य हर्बल दर्पण’ नामक मासिक पत्रिका का पहला अंक भी जारी किया गया।

प्रदेश में खुलेंगे 12 नए आयुष अस्पताल

आयुर्वेद दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश को 12 नए आयुष अस्पतालों की सौगात दी है। इनमें उज्जैन और खजुराहो में 50-50 बिस्तरों वाले दो बड़े अस्पताल शामिल हैं, जो आयुष वेलनेस टूरिज्म को बढ़ावा देंगे। इसके अलावा, पचमढ़ी, मंदसौर, आगर-मालवा, चित्रकूट, चंदेरी, दतिया, सिंगरौली, ओरछा, ओंकारेश्वर और आलीराजपुर में 10-10 बिस्तरों वाले छोटे अस्पताल भी खोले जाएंगे, जिससे ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर हो सकेंगी। इन सभी फैसलों से मध्यप्रदेश में आयुष चिकित्सा पद्धति को नई पहचान और बढ़ावा मिलेगा, जिससे आम जनता को भी इसका लाभ मिलेगा।