देश धर्म

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धैर्यशील येवले इंदौर

हुई गलतियां सुधरना चाहिए
इतिहास करवट बदलना चाहिए
हुआ जिनके साथ भी अन्याय
न्याय उन्हें अब मिलना चाहिए
कब तक युही पड़ा रहेगा पर्दा
प्रकाश पर से वो हटना चाहिए

मौन रह, कर रहे हो अपराध
होंठ तुम्हारे अब खुलना चाहिए
सदियों से रखा गुमराह तुम्हे
राह अब तुम्हे मिलना चाहिए
कोसने से कुछ हासिल न होगा
कुछ अब करके दिखाना चाहिए

पलो की ख़ताये हम क्यो भुगते
सदियों का रुख मुड़ना चाहिए
जो होना था हो गया अब तक
नया इतिहास लिखना चाहिए
हम नही बोलेंगे तो बोलेगा कौन
चुप्पि चीखों में बदलना चाहिए

शेर भेड़ो में पाला जाता रहा
शेर को सच बताना चाहिए
अहिंसक ता नपुंसकता बन गई
नई नस्लो को उबारना चाहिए
मेरी आवाज में आवाज़ मिला
ये आवाज़ दूर तक जाना चाहिए

न सुनी ना सुनाई गई हमे कभी
गाथाएं वो अब सुनना चाहिए
लाख परदों में सच को छुपाया
वो सच अब सामने आना चाहिए
हम रहे या न रहे साथियों
देश धर्म हमारा रहना चाहिए