इंदौर। आयुक्त प्रतिभा पाल ने बताया कि प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा प्रदेश के आंगनवाडियों में बच्चो के पोषण और सर्वांगीण विकास के लिए जनभागीदारी से आंगनवाडी में जाकर बच्चो के उपयोग की वस्तुऐं एकत्रित करने व असहाय-जरूरतमंद बच्चो को खिलौने व अन्य अवाश्यक वस्तुऐं उपलब्ध कराने का आव्हान किया गया। इसी क्रम में आयुक्त प्रतिभा पाल द्वारा नगर निगम तथा एनजीओ संस्था के माध्यम से शहर के विभिन्न स्थानो पर भिक्षावृत्ति में संलग्न बच्चो के साथ ही अन्य असहाय बच्चो को निगम के भिक्षुक पुनर्वास केन्द्र में ले जाकर बच्चो को भोजन करना, कपडे देने के साथ ही अन्य उपयोगी वस्तुऐं देने के संबंधितो को निर्देश दिये गये।
आयुक्त प्रतिभा पाल के निर्देश के क्रम में एनजीओ संस्थान प्रमुख रूपाली जैन द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री के आव्हान पर नगर निगम इंदौर के सहयोग से परमपुज्य रक्षक आदिनाथ वेलफेयर एंड एज्युकेशन सोसायटी संस्था द्वारा शहर के विभिन्न स्थानो छोटी ग्वालटोली, पटेल प्रतिमा के आस-पास, सरवटे बस स्टेण्ड क्षेत्र, रेल्वे स्टेशन के आस-पास, एमवाय अस्पताल चौराहा, व्हाईट चर्च चौराहा, महूनाका चौराहा, विजय नगर चौराहा, रसोमा चौराहा, भंवरकुंआ चौराहा व अन्य स्थानो से असहाय तथा भिक्षा प्रवृत्ति में संलग्न ऐसे बच्चे जो कि मूल सुविधा से वंचित है, उन्हे निगम के भिक्षुक पूनर्वास केन्द्र पर ले जाया गया।
आयुक्त प्रतिभा पाल ने बताया कि शहर को भिक्षुक मुक्त बनाने के उददेश्य से निगम द्वारा पूर्व में शहर के विभिन्न स्थानो से ऐसे असहाय व जरूरतमंद वृद्धजनो को भिक्षुक पुनर्वास केन्द्र पर पहुंचाया गया था, जहा ंपर उनके स्वास्थ्य परीक्षण के साथ ही काउंसलिंग भी कराई गई थी, जिसके परिणाम स्वरूप कई वृद्धजनो को उनके परिवार तक पहुंचाया भी गया है। भिक्षुक केन्द्र में भिक्षुको के पुनर्वास के लिये भिक्षुको को उनकी रूचि अनुसार कार्य का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, जिससे की वह अपने जीविका को सम्मानपूर्वक जी सके।
रेस्क्यू किए गए बच्चों का पुलिस के माध्यम से होगा वेरिफिकेशन
आयुक्त प्रतिभा पाल ने बताया कि मुख्यमंत्री के आव्हान पर निगम द्वारा बच्चो को भिक्षावृत्ति से बचाने के लिये एनजीओ के माध्यम से बच्चो के पुनर्वास के लिये लगातार प्रयास किये जा रहे है, शहर में विभिन्न चौराहो पर बच्चो तथा बच्चो को लेकर भिक्षावृत्ति करने वाले को भिक्षुक केन्द्र पर पहुंचाने के लिये पुलिस के सहयोग से अभियान चलाया जा रहा है, साथ ही बच्चो के संबंध में संपूर्ण जानकारी, जैसे माता-पिता कौन है, कहां निवास करते है, क्यां काम करते थे, तथा इसके लिये पुलिस के माध्यम से वेरिफिकेशन भी कराया जा रहा है। निगम द्वारा यह कार्यवाही पुलिस प्रशासन के साथ कि जा रही है, क्योंकि कई बार बच्चो को रेस्क्यु करने के दौरान बच्चो से भिक्षावृत्ति कराने वाले माफिया सहानुभूति के लिये बच्चो को नुकसान भी पहुंचाते है। निगम के इस अभियान में नागरिको से अपील कि है वह निगम को शहर को भिक्षावृत्ति से मुक्त कराने के लिये सहयोग करे, भिक्षृको को भिक्षावृत्ति ना देते हुए, राशि या सामग्री भिक्षुक पुनर्वास केन्द्र पर भी दी जा सकती है।
रेस्क्यू किए गए बच्चों का पुलिस के माध्यम से होगा वेरिफिकेशन
आयुक्त प्रतिभा पाल ने बताया प्रायः यह देखा गया है कि महिला-पुरुष एवं गैंग द्वारा बच्चों से भिक्षावृत्ति कार्य कराया जाता है जोकि एक प्रकार का अपराध है। इसको दृष्टिगत रखते हुए नगर निगम इंदौर द्वारा पुलिस प्रशासन के माध्यम से शहर के ऐसे स्थान जहां पर भिक्षावृत्ति का कार्य किया जाता है, ऐसे स्थानों की निगरानी कर एवं यहां के शिक्षकों को रेस्क्यू कर भिक्षुक पुनर्वास केंद्र पर लाने के पश्चात पुलिस वेरिफिकेशन भी किया जाएगा। आज रेस्क्यू किए बच्चों का थाना प्रभारी ज्योति शर्मा द्वारा वेरिफिकेशन किया गया और उनसे जानकारी आदि ली गई!
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बच्चो को नहलाया, कपडे और खिलौने देकर भोजन भी कराया
एनजीओ संस्था प्रमुख रूपाली जैन ने बताया कि शहर में ऐसे बच्चे जो कि सुविधा के अभाव में भिक्षावृत्ति कार्य में संलग्न है, ऐसे बच्चो को नगर निगम के सहयोग से एनजीओ की ज्योति शर्मा द्वारा शहर के विभिन्न स्थानो से एकत्रित किया गया एवं ऐसे बच्चों से चर्चा भी की गई, जिनमें 4 माह से लेकर 15 वर्ष तक के 13 से अधिक बच्चो को एकत्रित निगम के भिक्षुक पुनर्वास केन्द्र पर लाया गया, जिनमें खुशी, कुणाल, निशा-मनीषा, गोमा, शुभम, करन, आकाश, संध्या, तारा व आदि बच्चो को नहलाया गया, उन्हे कपडे-खिलौने दिये गये तथा चॉकलेट, बिस्कीट देकर भोजन भी कराया गया।
4 माह के बच्चे को लेकर कर रही थी भिक्षावृत्ति
छोटी ग्वालटोली क्षेत्र में बच्चो के रेस्कुय अभियान के दौरान देखने में आया कि एक महिला अपने मात्र 4 माह के बच्चे को गोदी में लेकर भिक्षावृत्ति कर रही थी, उक्त महिला को निगम व एनजीओ संस्था के प्रतिनिधियों द्वारा समझाईश दी गई और समझाबुझाकर महिला व बच्चे को भिक्षुक पुनर्वास केन्द्र पर लाया गया, जहा ंपर उनके भोजन व अन्य सुविधाऐं उपलब्ध कराई गई।