इंदौर : नगर निगम द्वारा वेस्ट पृथक्करण हेतु गीले, सूखे एवं जैविक कचरे के पृथक-पृथक निपटान के लिये कई अनोखी पहल की गई हैं। इस क्रम में जिले की देवगुराड़िया स्थित मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी में संचालित किया जा रहे सूखे कचरे के निपटान का कार्य कई लोगों के लिये आशा की एक नई किरण लेकर आया है।
उक्त संयंत्र में जिले के 400 से अधिक कचरा बीनने वालों को रोजगार प्रदान किया जा रहा है। इनको प्रतिदिन लगभग 500 से 600 रूपये की आय प्राप्त होती है। उक्त संयंत्र में कार्य करने वाली ज्योति खांडे बताती है कि वे इससे पहले शहर की गलियों में कचरा बीनती थी। इस दौरान तपती हुई गर्मी, बारिश एवं अन्य कठिनाईयों का सामना करते हुये अन्य अंतहिन घंटे काम करने बावजूद वे पर्याप्त कमाई नहीं कर पाती थी।
उन्होंने बताया कि जब से नगर निगम द्वारा उन्हें मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी में रोजगार प्रदाय किया गया तब से उनकी आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति में अभूतपूर्व बदलाव आया है। अब ज्योति को ना केवल निश्चित आय प्राप्त हो रही बल्कि भविष्य निधि और ईएसआईसी के माध्यम से स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान किया जा रहा है। पहले जहां वे कठिन परिस्थितियों में घंटों तक काम करती थी, वहीं अब उन्हें आरामदायक और गरीमापूर्ण रोजगार के माध्यम से निर्धारित घंटों तक ही काम करना पड़ता है।
नगर निगम की इस अनूठी पहल से ना केवल जिले के सूखे कचरे के रिसाइकल और रियूज का कार्य किया जा रहा है बल्कि पारंपरिक कचरा बीनने वाले 500 से अधिक व्यक्तियों को सम्मानजनक रोजगार प्रदान किया जा रहा है। केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय के सचिव श्री दुर्गाशंकर मिश्रा ने भी इंदौर के इस मटेरियल रिकवरी मॉडल की प्रशंसा ट्वीट के माध्यम से करते हुये कहा कि इस मॉडल का अनुसरण अन्य शहरों को भी करना चाहिए।