इंदौर : मूल्य के बदले में वस्तु या सेवा प्राप्त करने वाला व्यक्ति उपभोक्ता है। सेवा के अंतर्गत बैंक, बीमा, परिवहन, विदयुत, मनोरंजन, रेल, डाक, दूरभाष आदि की तरह दवाएँ भी शामिल हैं, जो जीवन रक्षक के रूप में उपभोक्ता क्रय करता है। उपभोक्ता उसके मूल्य का भुगतान तो करता है परंतु आवश्यकता पड़ने पर अपने अधिकारों का उपयोग नहीं करता है। प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति श्री फैज़ अहमद किदवई ने कहा कि कोई भी व्यापारी अथवा निर्माता उपभोक्ता के जीवन के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकता। उपभोक्ता को उसके द्वारा भुगतान की गई राशि के बदले वस्तु अथवा गुणवत्तापूर्ण सेवा प्राप्त करने का पूर्ण अधिकार है।
दवाएँ खरीदते समय दें जागरूकता का परिचय
प्रमुख सचिव श्री किदवई ने बताया कि उपभोक्ता दवाएँ खरीदते समय पर्चे के साथ दवा के नाम का मिलान कर लें। जब-तक कोई दवाई इस्तेमाल नहीं हो जाती, तब-तक उसके बिल अथवा रसीद को संभाल कर रखें। दवाई के रेपर पर अंकित दवा की उपयोगिता समाप्ति की तिथि को देखकर ही दवा खरीदें। यदि एक्सपायरी डेट निकल गई हो तो न दवा खरीदें और न ही उसका उपयोग करें। ये जिंदगी के लिए नुकसानदायी हो सकती है।
श्री किदवई ने बताया कि उपभोक्ता सिर्फ डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएँ ही क्रय करें। केमिस्ट की सलाह पर दवाइयों का इस्तेमाल न करें। जागरूक उपभोक्ता के रूप में दवाई के पैकेट पर खरीदी गई दवाओं पर अधिकतम खुदरा मूल्य के साथ ही उत्पादक का लाइसेंस नंबर को भी देखना चाहिए।
जैनेरिक दवाइयाँ भी है प्रभावशाली
प्रमुख सचिव खाद्य ने बताया कि उपभोक्ता जैनेरिक दवाएँ भी डॉक्टर की सलाह लेकर खरीद सकते हैं। ये दवाइयाँ गुणवत्ता में अन्य दवाईयों के समान होती हैं और इनकी कीमत अन्य दवाओं की तुलना में काफी कम होती है। जैनेरिक दवाएँ किसी ब्राण्ड विशेष का इस्तेमाल नहीं करती इसलिए इनकी कीमतें कम होती हैं। उन्होंने बताया कि नकली व मिलावटी दवाइयों के बारे में उपभोक्ता अपनी शिकायत अपने जिले के औषधि निरीक्षक या राज्य के औषधि नियंत्रक से कर सकते हैं।