कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने बुलाई बैठक, महापौर पद के नामों पर 9 जून को होगा विचार

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By Shraddha PancholiPublished On: June 7, 2022

कांग्रेस के मध्यप्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने  9 जून को बैठक बुलाई है। नगर निगम के महापौर पद के प्रत्याशी के नामों पर विचार करने के लिए यह बैठक रखी गई है। इस दौरान सभी वरिष्ठ नेता भी उपस्थित रहेंगे। बताया जा रहा है कि निकाय चुनाव के प्रभारियों के द्वारा स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं से चर्चा करने के बाद जो फीडबैक मिला है, उस पर चर्चा की जाएगी और आम सहमति के आधार पर प्रत्याशी तय किए जाएंगे।

पत्राकारवार्ता में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पार्टी के मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने बताया कि प्रदेश में अपहरण, चोरी, डकैती, गेंगवार, सट्टा, जुआ और अवैध मादक पदार्थ का धंधा बड़ी मात्रा में फैल रहा है और महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं भी लगातार सामने आ रही है। जिन्हें रोकने के लिए कठोर से कठोर नियम बनाने की जरूरत है।

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पत्रकार वार्ता में प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष चंद्रप्रकाश शेखर ने बताया कि बैठक में नगरीय निकाय चुनाव की रणनीति को लेकर चर्चा की जाएगी और प्रत्याशी चयन के लिए जिला स्तरीय समिति भी बनाई गई है। इसमें जिला प्रभारी, स्थानीय विधायक, पूर्व विधायक, जिला एवं ब्लाक इकाई के साथ सहयोगी संगठनों के पदाधिकारी और सभी वरिष्ठ नेताओं को शामिल किया गया है और कई अहम पहलुओं पर विचार करने के बाद नाम की घोषणा करेंगे, इसके लिए वरिष्ठ नेता चर्चा कर नाम तय करेंगे।

वरिष्ठ नेता सज्जन सिंह वर्मा ने बताया कि सहमति बन चुकी है और विधायकों को भी चुनाव लड़ाया जा सकता है, इसीलिए पार्टी स्तर पर सर्वे भी किया गया है।

शिवराज सिंह चौहान से की ये मांग

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से प्रदेश कांग्रेस ने मांग रखी है कि सरकार कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर श्वेतपत्र जारी करें। क्योंकि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति लगातार खराब होती दिखाई दे रही है। अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के साथ महिलाएं भी सुरक्षित नहीं है, क्योंकि लगातार अपराधिक घटनाएं सामने आ रही है और सरकार सुशासन का दावा कर जनता को भ्रमित कर रही है। इसलिए कांग्रेस ने मांग की है कि सरकार श्वेतपत्र जारी करें ताकि जनता को उचित स्थिति का पता चल सके। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक 10,648 महिलाएं और बांधों की गुमशुदगी दर्ज हुई है और बाल अपराध भी मध्य प्रदेश में उच्च स्तर पर पहुंच चुका है। जिसके बाद कांग्रेस सरकार ने श्वेतपत्र जारी करने की मांग की है।