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21 या 22 अगस्त? भाद्रपद अमावस्या 2025 कब मनाई जाएगी, यहां जानें एक क्लिक में सही तारीख

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By Swati BisenPublished On: August 16, 2025
Bhadrapada Amavasya 2025

हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष स्थान माना गया है। यह दिन दान, पुण्य और पितरों के तर्पण के लिए उत्तम माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन किया गया दान-पुण्य कई गुना फल देता है और पूर्वजों की आत्मा को शांति प्राप्त होती है। इसी कारण श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान कर पूजा-अर्चना करते हैं। अमावस्या का दिन नये चंद्रमा के साथ जुड़ा होता है और इसे अध्यात्म तथा साधना के दृष्टिकोण से भी शुभ माना गया है।

भाद्रपद अमावस्या 2025 की तिथि

भाद्रपद माह की अमावस्या वर्ष 2025 में अगस्त महीने में पड़ रही है। पंचांग के अनुसार अमावस्या तिथि की शुरुआत 22 अगस्त, शुक्रवार को रात 02:25 बजे होगी और इसका समापन 23 अगस्त की रात 02:05 बजे होगा। इसीलिए भाद्रपद अमावस्या व्रत और पूजा 22 अगस्त, शुक्रवार को ही की जाएगी।

पूजन विधि और नियम

  • भाद्रपद अमावस्या के दिन प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान करने की परंपरा है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन गंगा या किसी भी पवित्र नदी में स्नान करना अत्यंत पुण्यकारी माना गया है। स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें।
  • इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए पितृ तर्पण और श्राद्ध कर्म करना चाहिए।
  • जरूरतमंदों को भोजन कराना, वस्त्र और दक्षिणा देना उत्तम फलदायी माना जाता है।
  • ब्राह्मणों को आदरपूर्वक भोजन कराना और दान देना विशेष महत्व रखता है।
  • इस दिन तामसिक भोजन और नकारात्मक आचरण से बचना चाहिए।

अमावस्या के दिन दान का महत्व

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हिंदू मान्यता है कि अमावस्या पर किया गया दान सीधा पितरों तक पहुँचता है और उनके आशीर्वाद से जीवन में समृद्धि आती है। इस दिन का प्रत्येक पुण्यकर्म व्यक्ति के जीवन की कठिनाइयों को दूर करता है और घर-परिवार में सुख-शांति का वास होता है। साथ ही इस तिथि पर भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा करने से पापों का क्षय होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

Disclaimer : यहां दी गई सारी जानकारी केवल सामान्य सूचना पर आधारित है। किसी भी सूचना के सत्य और सटीक होने का दावा Ghamasan.com नहीं करता।